बॉलीवुड अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। 2020-21 के किसान आंदोलन से जुड़े एक रिट्वीट पर उनकी टिप्पणी के खिलाफ दायर मानहानि केस को रद करने की याचिका उन्होंने वापस ले ली। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह निचली अदालत में अपनी बात रख सकती हैं। यह मामला कंगना के उस रिट्वीट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने एक बुजुर्ग महिला प्रदर्शनकारी के बारे में टिप्पणी की थी, जिसे मानहानिकारक माना गया था।
क्या है पूरा मामला ?
यह मामला 2021 का है, जब किसान आंदोलन चल रहा था। उस दौरान कंगना ने बठिंडा के गांव बहादुरगढ़ जंडिया की रहने वाली 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला किसान महिंदर कौर को 100-100 रुपए लेकर धरने में शामिल होने वाली महिला बताते हुए ट्वीट किया था। इसके खिलाफ महिंदर कौर ने कोर्ट में केस दर्ज करवाया था। कंगना का कहना था कि उन्होंने केवल एक वकील की पोस्ट को रिपोस्ट किया था।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कंगना की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस मेहता ने कंगना की टिप्पणी पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, “यह कोई साधारण रिट्वीट नहीं था। आपने इसमें अपनी टिप्पणी जोड़ी, मसाला डाला।” कंगना के वकील ने सफाई देने की कोशिश की और कहा कि उनकी मुवक्किल ने अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दे दिया है। लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि यह स्पष्टीकरण निचली अदालत में दिया जा सकता है। जब कंगना के वकील ने कहा कि वह पंजाब में सुरक्षित महसूस नहीं करतीं और वहां यात्रा नहीं कर सकतीं, तो कोर्ट ने सुझाव दिया कि वह व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए आवेदन कर सकती हैं।
कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर कंगना के वकील ज्यादा बहस करेंगे, तो अदालत ऐसी टिप्पणी कर सकती है, जो उनके मुकदमे को नुकसान पहुंचाए। आखिरकार, कंगना के वकील ने याचिका वापस लेने का फैसला किया।
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