शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और मारपीट का मामला सामने आया है. अपनी पत्नी के साथ हिंसक पति और उसके माता पिता मिलकर बार-बार दहेज प्रताड़ना और मारपीट की घटना को अंजाम देते रहे हैं. जानकारी के मुताबिक ओडिशा के भुवनेश्वर जिले के जटनी थाना क्षेत्र की रहने वाली 32 वर्षीय महिला ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, हत्या के प्रयास और आपराधिक धमकी जैसा गंभीर आरोप लगाया है. पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी शादी वर्ष 2014 में हुई थी, लेकिन शादी के बाद से ही उसे लगातार मानसिक प्रताड़ना और हिंसा झेलनी पड़ी है.

जानकारी के मुताबिक पीड़िता का विवाह 21 जून 2014 को रायपुर निवासी अविनाश अग्रवाल से हुआ. यह रिश्ता पूरे परिवार की सहमति से तय हुआ था. लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद उसका वैवाहिक जीवन तनाव और प्रताड़ना में बदल गया. ससुराल पक्ष ने अधिक पैसे और संपत्ति की मांग शुरू कर दी. विवाह में दिए गए दहेज और नकदी से वे संतुष्ट नहीं थे. पति और सास-ससुर ने मिलकर उसके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया की उसे शादी के बाद आगे पढ़ाई करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन विवाह होते ही उसकी पढ़ाई रुकवा दी गई. पति अविनाश उसके गहने और नकदी जबरन छीन लेता और उसे अपने खर्चों के लिए कभी भी पैसे नहीं मिलते थे.

जबरन गर्भपात और मानसिक उत्पीड़न

शादी के लगभग 15 महीने बाद जब प्रियांका गर्भवती हुई, तो सास और पति ने मिलकर जबरन उसका गर्भपात करवा दिया. यह घटना उसके लिए बेहद दर्दनाक साबित हुई और वह गहरे अवसाद में चली गई. इसके बाद भी पीड़िता को प्रताड़ित करने का सिलसिला नहीं रुका. पति आए दिन गाली-गलौज करता और बेरहमी से मारपीट करता था.

मुंबई में हिंसा और आत्महत्या की कोशिश

शादी के आठ महीने बाद जब अविनाश की नौकरी मुंबई में लगी, तो पति-पत्नी वहां शिफ्ट हो गए. लेकिन वहां भी हालात और बिगड़ गए. छोटी-छोटी बातों पर अविनाश उसे पीटता और अश्लील गालियां देता. कभी उसे खाना नहीं देता, तो कभी अपमानित करता रहा. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पीड़िता ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या की कोशिश की, उस समय उसके पिता और रिश्तेदार मुंबई पहुंचे और हालत देखकर हैरान रह गए. लेकिन अविनाश ने उनके सामने भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया और हाथापाई तक की घटना को अंजाम दिया.

गर्भावस्था और बेटी के जन्म के बाद भी जारी रहा अत्याचार

अप्रैल 2017 में पीड़िता दोबारा गर्भवती हुई. उस समय भी उसके साथ मारपीट होती रही. पीड़िता को उसका पति अविनाश गर्भावस्था में अस्पताल ले जाने की बजाय उसे पीटा. नवंबर 2017 में उसने बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म के बाद भी उसका जीवन सामान्य नहीं हुआ. पीड़िता ने आरोप लगाया कि एक बार पति ने रात 2 बजे उसे नींद से उठाकर बेरहमी से लात-घूंसों से पीटा और अपमानित किया. अविनाश उसे नौकरों के सामने गालियां देता और सार्वजनिक रूप से अपमानित करता.

दहेज में 50 लाख और संपत्ति की मांग

पीड़िता के मुताबिक ससुराल पक्ष ने 50 लाख रुपये और उसके पिता की संपत्ति अपने नाम करने की मांग की. जब उसने इसका विरोध किया तो अविनाश ने उसका सिर दीवार से पटका, गला दबाया और जान से मारने की कोशिश की. उसके पिता को भी फोन पर गालियां दी गईं और अपमानित किया गया. पीड़िता ने बताया कि कई बार यात्राओं के दौरान भी उसे प्रताड़ित किया गया. वैष्णो देवी यात्रा के दौरान अविनाश ने उसे और उसकी बेटी को रात के अंधेरे में बीच रास्ते पर छोड़ दिया. वहीं जून 2025 में जब वह अपने मायके जटनी में थी, तो अविनाश वहां आया और गला दबाकर पीटा. इतना ही नहीं वह उसे बेटी समेत लेकर रायपुर लौटा. लेकिन ट्रेन में भी उसने बेरहमी से पिटाई की, जिससे प्रियांका का नाक से खून बहने लगा था.

9 जून 2025 को स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पीड़िता के पिता और परिजन ओडिशा से रायपुर पहुंचे. उन्होंने गुढ़ियारी थाने में लिखित शिकायत दी. 11 जून को पुलिस की मदद से पीड़िता और उसकी बेटी को ससुराल से बाहर निकाला गया. हालांकि, उसके गहने, नकद और अन्य कीमती सामान अभी भी ससुराल और नोएडा स्थित मकान में हैं, जिन्हें कब्जे में रखा गया.

वर्तमान में पीड़िता अपनी बेटी के साथ जटनी में रह रही है और उसके माता-पिता उसकी देखभाल कर रहे हैं. उसने पुलिस से अपील की है कि उसके पति अविनाश अग्रवाल, सास अनिता अग्रवाल और ससुर राजेश अग्रवाल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है.

जानकारी के मुताबिक उड़ीसा की जटनी पुलिस आज रायपुर के गुढ़ियारी पहुँचे हुए थे. उड़ीसा पुलिस ने गुढ़ियारी पुलिस की मदत से पीड़िता के ससुराल पहुँचकर ससुराल वालो के कब्जे में रखे सोने-चांदी के आभूषण और अन्य सामग्रियों को जब्त किया है. जिसे आने वाले समय में पीड़िता और उसके परिवार वालो को सुपुर्द कर दिया जाएगा. लेकिन पुलिस को देखते ही ससुराल वालो ने हंगामा खड़ा कर दिया. अविनाश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल और अनिता अग्रवाल अपने समर्थकों को बुलाकर पुलिस कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास कर रहे थे. जिसके बाद स्थानीय पुलिस और उड़ीसा पुलिस ने कड़ाई ससुराल वालो के विरुद्ध पूरी कार्रवाई समाप्त की है.

गुढ़ियारी थाना पुलिस ने बताया की ओडिशा की जटनी पुलिस आई थी. रायपुर के गुढ़ियारी इलाके के निवासी अविनाश अग्रवाल के विरुद्ध दर्ज अपराध के संबंध में उनके निवास जाना था. पुलिस ने पूरा सहयोग किया. फिलहाल कार्रवाई कर पुलिस रवाना हो चुकी है.