अजय शास्त्री/ बेगूसराय। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने शनिवार को एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने तेजस्वी की बिहार अधिकार यात्रा को स्वार्थ आधारित बताया और कहा कि कांग्रेस पार्टी से उपेक्षा मिलने के कारण अब तेजस्वी अलग राह पर चल पड़े हैं। गिरिराज ने तंज कसते हुए कहा बेचारे क्या करेंगे कांग्रेस से खुशामद की राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए घोषित किया लेकिन राहुल ने तेजस्वी को बिहार के मुख्यमंत्री पद का चेहरा तक नहीं माना।
गिरिराज सिंह ने यह बयान उस समय दिया जब वह बेगूसराय के रिफाइनरी गेस्ट हाउस में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की यात्रा इंडी (I.N.D.I.A) गठबंधन की सच्चाई उजागर कर रही है। यह गठबंधन केवल स्वार्थ पर आधारित है। जहां केवल लोभ और सत्ता की चाह हो वहां स्थायित्व नहीं हो सकता।
मोदी सरकार की प्राथमिकता में बिहार
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी बिहार आते हैं वह राज्य के विकास के लिए कोई न कोई बड़ा फैसला जरूर करते हैं। यह सिर्फ सपना नहीं मोदी जी का संकल्प है कि बिहार को देश के विकास की मुख्यधारा में लाया जाए। बिहार के बिना भारत का विकास अधूरा है। यह राज्य पूर्वांचल का गेटवे है और इसकी उन्नति से पूरे क्षेत्र को लाभ होगा।
जन समस्याओं का समाधान प्राथमिकता में
रिफाइनरी गेस्ट हाउस में आयोजित जनसुनवाई में गिरिराज सिंह ने बड़ी संख्या में लोगों की समस्याएं सुनीं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और राशन जैसे मुद्दों पर जनता ने अपनी बात रखी। केंद्रीय मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए और भरोसा दिलाया कि जनता की समस्याओं का समाधान ही उनकी पहली प्राथमिकता है।
गिरिराज सिंह के ये बयान न केवल बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर तीखा कटाक्ष हैं बल्कि आने वाले चुनावों के लिए बीजेपी की रणनीतिक सोच को भी दर्शाते हैं। तेजस्वी यादव की अलग राह और गिरिराज सिंह की आक्रामकता आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति को और गर्मा सकती है।
मस्जिदों से फतवा जारी होगा तो मंदिरों से हुंकार भरेंगे
केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने एक बार फिर अपने बयान से सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा अगर मस्जिदों से फतवा जारी होगा तो हम भी मंदिरों से हुंकार भरेंगे।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में आगामी चुनावों को लेकर माहौल गरम है और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपीलें की जा रही हैं। गिरिराज सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की एनडीए सरकारों द्वारा मुसलमान समुदाय को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिए जाने के बावजूद उन्हें अपेक्षित राजनीतिक समर्थन नहीं मिलता।
मुसलमानों से जब पूछा गया कि क्या उन्हें योजनाओं का लाभ मिला तो उन्होंने स्वीकार किया। लेकिन जब वोट की बात आई, तो वह मुकर गए। इस बयान को लेकर विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों में तीखी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक असर और प्रतिक्रिया की संभावना
गिरिराज सिंह के बयान को कई राजनीतिक विशेषज्ञ आगामी चुनावों की रणनीति के हिस्से के रूप में देख रहे हैं, जहां ध्रुवीकरण एक प्रमुख हथियार बन चुका है। हालांकि इस तरह के बयान लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि इस बयान पर चुनाव आयोग एनडीए के शीर्ष नेतृत्व और विपक्षी दलों की क्या प्रतिक्रिया आती है। यह पहली बार नहीं है जब गिरिराज सिंह ने इस तरह का बयान दिया हो। इससे पहले भी वे कई बार विवादों में रहे हैं।
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