कुंदन कुमार/पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने तेजस्वी की बिहार अधिकार यात्रा को लेकर कई सवाल खड़े किए और इसे सिर्फ राजनीतिक बेचैनी का प्रदर्शन बताया। नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने खुद को महागठबंधन की राजनीति का ड्राइवर बताया था लेकिन हकीकत यह है कि महागठबंधन के दलों ने उन्हें कभी भी अपना नेता स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा तेजस्वी को खुद की स्वीकार्यता साबित करने के लिए यात्रा पर निकलना पड़ रहा है जिससे उनकी बेचैनी साफ दिख रही है।
नाम बदलने से मंशा नहीं बदलती
जेडीयू प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव की यात्रा के नाम बदलने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले इसे वोटर अधिकार यात्रा कहा गया फिर इसे बदलकर बिहार अधिकार यात्रा बना दिया गया। इससे यह साफ होता है कि यात्रा की योजना और उद्देश्य दोनों ही अस्पष्ट हैं। नीरज कुमार के अनुसार यह सिर्फ राजनीतिक भ्रम फैलाने की कोशिश है।
पितृपक्ष में यात्रा की शुरुआत – राजनीतिक पिंडदान
तेजस्वी यादव की इस यात्रा की शुरुआत पितृपक्ष के दौरान जहानाबाद से होने को लेकर भी नीरज कुमार ने करारा व्यंग्य किया। उन्होंने कहा पितृपक्ष में जहानाबाद से यात्रा की शुरुआत करके तेजस्वी ने खुद अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा का पिंडदान कर दिया है। यह बयान तेजस्वी के अभियान की समय-सीमा और रणनीति पर सवाल खड़े करता है।
वैशाली में समापन – पारिवारिक लोकतंत्र का अंत
नीरज कुमार ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव की यात्रा का समापन वैशाली में होना केवल एक प्रतीक नहीं बल्कि पारिवारिक लोकतंत्र के पतन का संकेत है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह यात्रा न तो जनता की आवाज है और न ही बिहार के विकास से जुड़ी कोई ठोस पहल। यह केवल एक निजी राजनीतिक एजेंडा है जो खुद को स्थापित करने की कोशिश में है।
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