सत्या राजपूत, रायपुर. व्यावसायिक शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में अब दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इसका आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है और प्रबंध संचालक राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा को निर्देशित किया है. बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम ने व्यावसायिक शिक्षक भर्ती में घोटाले को उजागर किया था, जिसके बाद विभाग ने संज्ञान लिया. विभागीय जांच में भी घोटाले की पुष्टि हुई, जिसके बाद भर्ती पर रोक लगाई गई. अब इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने कड़ा एक्शन लिया है. दोषी अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी.

स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने यह भी कहा है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बच्चों के सामने मारपीट करने वाले शिक्षकों पर भी FIR दर्ज होगी. उन्होंने कहा, स्कूल में शराब पीकर आने वाले शिक्षकों को निलंबित किया जा रहा है. बता दें कि इन दिनों सोशल मीडिया में अलग-अलग जिलों के शराबी शिक्षकों का वीडियो खबू वायरल हो रहा है. इस पर शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई शुरू कर दी है.

आरोप क्या हैं?

पीड़ित अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि ठेका कंपनियों ने सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षक (VT) की भर्ती को बाजार बना दिया है. 2-3 लाख रुपए की मोटी रकम देकर कोई भी हेल्थकेयर, IT, प्लंबर या ब्यूटी एंड वेलनेस जैसे ट्रेड्स में शिक्षक बन सकता है. उन्होंने यह भी दावा किया था कि 1500 से ज्यादा पदों के लिए रेट कार्ड सेट था, पैसा दो और नौकरी लो। नियम-कायदे ताक पर रखे गए और यहां तक कि ‘कोरोना योद्धाओं’ के लिए 10% बोनस अंक का सरकारी आदेश भी कागज का टुकड़ा बनकर रह गया.

घोटाला उजागर होने के बाद व्यावसायिक शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी गई है. व्यवसायिक प्रशिक्षकों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराए जाने का निर्देश सभी छह कंपनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जारी कर दिया गया था. आईसेक्ट लिमिटेड भोपाल, Indus private limited मुंबई, learning skill limited new delhi, gram tarnag training सर्विसेस private limited, skill tree limited मुंबई, nitcon Chandigarh को व्यावसायिक ट्रेनिंग प्रोवाइडर द्वारा नियुक्त प्रशिक्षकों के ज्वाइनिंग पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे.