धमतरी। जिस गांधी ने आजादी दिलाते हुए अंग्रेजों को देश से भगा दिया था. वही गांधी भाजपा के शासनकाल में कैद कर लिये गए अब कांग्रेस के राज में उन्हें उनके जन्मदिन पर पुलिस की कैद से दो साल बाद रिहा किया गया. रिहाई पर बापू का स्वागत कांग्रेसियों ने ढोल-नगारों के साथ किया. अंततः बापू वहीं विराजमान हो गए जहां से उन्हें धमतरी पुलिस ने हिरासत में लिया था.
दरअसल धमतरी जिले के नगर पंचायत भखारा में गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर साल 2017 में यहां के एक चौक में बापू की मूर्ति स्थापित कर अनावरण का कार्यक्रम रखा गया था. महात्मा गांधी की मूर्ति के अनावरण को लेकर भाजपाईयों ने आपत्ति की और इसे लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हो गया. मामला पुलिस तक पहुंचा और भखारा पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया. वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महात्मा गांधी की प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया. हिरासत में लिये गए कांग्रेसी तो रिहा हो गए लेकिन गांधी को पुलिस ने रिहा नहीं किया, तब से गांधी लगातार दो साल से भखारा पुलिस की कैद में थे.
अब चूंकि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और एक बार फिर कांग्रेस की वापसी हुई. लेकिन गांधी जी की सुध लेने में कांग्रेसियों को भी लंबा वक्त लग गया, लगभग 10 महीने बाद 150 वीं जयंती के दिन बापू को आजादी मिली और भखारा पुलिस ने गांधी जी को अपनी कैद से रिहा कर दिया. बापू को रिहा कराने बाजे-गाजे के साथ कांग्रेसी भरा थाना पहुंचे थे. अंततः पूजा अर्चना कर बापू की प्रतिमा की स्थापना की गई, अब सीएम भूपेश 6 अक्टूबर को प्रतिमा का अनावरण करेंगे.
इस पूरे मामले में कांग्रेस ने एक पूर्व मंत्री पर आरोप लगाया है. कांग्रेसियों का आरोप है कि भाजपा शासन में पूर्व मंत्री के इशारे पर जोर जबरदस्ती कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण रोका गया था, तब से उनकी मूर्ति थाने में कैद थी.
आपको बता दें इस साल महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पूरे विश्व में मनाई जा रही है और बापू को याद किया जा रहा है. केन्द्र की भाजपा सरकार ने गांधी जयंती पर देश भर में गांधी संकल्प यात्रा निकाला.