Rajasthan News: राजस्थान में नगर निकाय चुनाव का इंतजार बढ़ गया है। 312 की बजाय अब 309 निकायों में चुनाव होंगे, लेकिन यह इस साल नहीं बल्कि जनवरी में होने की संभावना है। इसकी पुष्टि शहरी विकास एवं आवास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने झुंझुनूं दौरे के दौरान की।

क्यों टल रहे हैं चुनाव?

दरअसल, 18 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि सरकार जानबूझकर निकाय चुनाव टाल रही है। लेकिन सरकार की ओर से कहा जा रहा था कि चुनाव इसी साल होंगे। अब मंत्री खर्रा के बयान से साफ हो गया है कि इस साल मतदान संभव नहीं है।

उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने नवंबर तक मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम घोषित किया है। वहीं, ओबीसी आयोग को तीन महीने में डाटा एकत्र कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जब तक यह रिपोर्ट नहीं आती, तब तक वार्ड और निकाय प्रमुखों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।

दिसंबर तक पूरी होगी तैयारी

मंत्री ने कहा कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट आने के बाद दिसंबर के पहले पखवाड़े तक आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी। इसके तुरंत बाद 10 से 15 दिसंबर तक राज्य निर्वाचन आयोग को औपचारिक रूप से चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। योजना यह है कि जनवरी में वन स्टेट, वन इलेक्शन के तहत सभी निकायों का चुनाव एक साथ कराया जाए।

312 नहीं, 309 निकायों पर चुनाव

खर्रा ने स्पष्ट किया कि अब 309 निकायों पर चुनाव होंगे। जयपुर, जोधपुर और कोटा में पिछली सरकार ने दो-दो नगर निगम बनाए थे, जिनमें से एक-एक निगम भंग कर दिए गए हैं। इस वजह से अगली बार चुनाव 309 निकायों में होंगे।

सीधे चुनाव पर भी विचार

मंत्री ने यह भी कहा कि इस बार निकाय प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता से कराया जाए या फिर पार्षदों के माध्यम से, इस पर रायशुमारी चल रही है। अंतिम निर्णय इसी प्रक्रिया के बाद लिया जाएगा।

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