पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 सितंबर को पूर्णिया दौरे से एक दिन पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार में एक बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बिहार चीफ महबूब आलम नदवी को किशनगंज से गिरफ्तार किया है। महबूब आलम कटिहार जिले के हसनगंज थाना क्षेत्र के बंशीबाड़ी गांव का रहने वाला है। उसे शुक्रवार को किशनगंज के हलीम चौक के पास से पकड़ा गया। NIA की चार्जशीट के मुताबिक वह 2022 के चर्चित फुलवारी शरीफ साजिश मामले में 19वां आरोपी है। इस केस में पहले ही PFI से जुड़े 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पिछले 3 सालों से था फरार, स्कूल में बन गया था टीचर
NIA के मुताबिक महबूब पिछले तीन सालों से फरार चल रहा था। वह अप्रैल 2025 से किशनगंज के मोहिद्दीनपुर इलाके में छिपकर रह रहा था। गिरफ्तारी के समय वह हलीम चौक स्थित फातिमा गर्ल्स स्कूल में टीचर के तौर पर काम कर रहा था।
वह छात्राओं को इस्लामिक शिक्षा देने के साथ हिजाब पहनने का दबाव डालता था। जांच एजेंसियों का दावा है कि महबूब विदेशी फंडिंग के जरिए भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश में शामिल था।
स्कूल प्रशासन ने झाड़ा पल्ला
स्कूल डायरेक्टर सरफराज आलम ने बताया कि महबूब ने केवल बायोडाटा दिया था, लेकिन आधार कार्ड देने से हमेशा बचता रहा। उन्हें उसकी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी नहीं थी। स्कूल में वह 9,000 रुपये वेतन पर चौथी से आठवीं तक के छात्रों को उर्दू पढ़ा रहा था। गिरफ्तारी से दो दिन पहले वह बिना बताए स्कूल नहीं आया था। स्कूल प्रशासन का कहना है कि वह शादीक नाम के व्यक्ति की सिफारिश पर ट्रायल के बाद रखा गया था।
पीएम के दौरे से पहले हुई कार्रवाई
फुलवारी शरीफ केस को लेकर पहले ही केंद्र सरकार PFI को बैन कर चुकी है। अब पीएम मोदी के पूर्णिया दौरे से पहले इस गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को और चौकन्ना कर दिया है।
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