विक्रम मिश्र, बस्ती । बीते कुछ सालों पहले यानी वर्ष 2018 राजधानी लखनऊ के माल, मलिहाबाद, काकोरी सहित अन्य ग्रामीण इलाकों सिलसिलेवार चोरी और डकैती जैसी घटनाओं ने स्थानीय लोगों का जीना दुश्वार कर दिया था। ठीक इसी तरह अब 2025 में बस्ती जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों के ग्रामीण इलाके कई दिनों से बेखौफ चोरों के कब्जे में है। लगातार हो रही घटनाओं से यही लग रहा है कि चोरों को पुलिस का खौफ नहीं रहा। आतंक का पर्याय बने चोरों ने ऐसी दहशत फैलाई कि पूरा का पूरा इलाका दहशत और सदमे में है।
आरोपी पुलिस को दे रहे खुली चुनौती
बताया जा रहा है बस्ती जिले के हरैया क्षेत्र में तीन घरों को निशाना बनाते हुए पुलिस को खुली चुनौती दे डाली। यही नहीं बभनियाव बुजुर्ग गांव में 18 वर्षीय युवक को घायल कर चोर घर में रखी रकम और कीमती सामान बटोर ले गए थे।सेमरिहवा गांव, महादेवी गांव, परशुरामपुर क्षेत्र में, मुंडेराव व जिभीनियाव सहित कई गांवों में बेख़ौफ़ चोरों ने दिनदहाड़े और रात में चोरी कर ग्रामीणों को दहशत में डाल दिया। दहशत फैलाने वाले बदमाशों ने किसी को गन प्वाइंट पर लेकर तो किसी को लाठी-डंडों से वारकर घटना को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं।
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पुलिस क्राइम कंट्रोल करने में नाकाम है।
पुलिस के आलाधिकारी लगातार हो रही घटनाओं के मामले में भले ही तरह-तरह की बयानबाजी करते फिर रहे हों, लेकिन कड़वा सच यह है कि पुलिस बेखौफ बदमाशों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। सिलसिलेवार हो रही घटनाओं से यही लग रहा है कि जनपद बस्ती बीहड़ जैसा हाल हो गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस एक गांव में पहुंचती है तो दूसरे गांव में फिर घटना होने की खबर ने पुलिस की नींद हराम कर दी है। फिलहाल जिस तरह से बस्ती जिले में लगातार हो रही घटनाएं होने की खबर आ रही है इससे यही लग रहा है कि पुलिस क्राइम कंट्रोल करने में नाकाम है।
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