सत्या राजपूत, रायपुर. शालेय शिक्षक संघ ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा सहित विभिन्न जिलों में आत्मानंद स्कूलों के रिक्त पदों को पदोन्नति के लिए उपलब्ध न कराए जाने को लेकर शिक्षामंत्री व शिक्षा सचिव को पत्र लिखा है और आत्मानंद स्कूलों के सभी रिक्त पद पदोन्नति के लिए उपलब्ध करने की मांग की है।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि जब प्राचार्य पदोन्नति के लिए प्रदेश के आत्मानंद स्कूलों के रिक्त पदों को उपलब्ध कराकर कर प्राचार्य पदोन्नति दी गई है। इसी तरह बीएडधारी सहायक शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक के पद पर इनकी नियुक्ति आत्मानंद स्कूलों के रिक्त पदों पर की गई है तो व्याख्याता प्रधानपाठक माध्यमिक/प्राथमिक व शिक्षक के पदों को क्यों पदोन्नति के लिए उपलब्ध नही कराया जा रहा है ? आत्मानंद स्कूलों के सभी रिक्त पद पदोन्नति के लिए उपलब्ध हो, यही हमारी मांग है।

संगठन के महासचिव धर्मेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान में प्रक्रियाधीन व्याख्याता टी संवर्ग पदोन्नति की काउंसिलिंग में सभी जिलों में सभी विषयों के भारी संख्या में व्याख्याता के पद रिक्त होने के बावजूद आत्मानंद (सेजेस) शालाओं के रिक्त पदों को शामिल नहीं किया गया है, जबकि प्राचार्य टी संवर्ग की पदोन्नति एवं सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला सीधी भर्ती में आत्मानंद शालाओं के रिक्त पदों पर पदस्थापना की गई है।
उन्होंने कहा, आत्मानंद शालाओं के रिक्त पदों को पदोन्नति की काउंसिलिंग में शामिल नहीं करने के कारण दंतेवाड़ा जिले में किसी भी विषय के पदोन्नत एक भी व्याख्याता को दंतेवाड़ा जिले में पदस्थापना का कोई भी विकल्प नहीं मिल रहा है। अन्य जिलों में भी विभाग में ही कार्यरत कर्मचारियों को अत्यंत कम विकल्प मिल रहे हैं, जबकि आत्मानंद शालाओं के इन्हीं रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति, संविदा भर्ती एवं अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना का खेल खेला जा रहा है। विभाग की उक्त नीति व प्रक्रिया भेदभाव पूर्ण एवं अत्यंत खेदजनक है।
शालेय शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी व प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के तहत दुर्ग/बालोद सहित अन्य जिले में कार्यरत शिक्षकों व व्याख्याता को अन्य जिलों में पदस्थापना दी गई, जबकि जिले के आत्मानंद शालाओं में बड़ी संख्या में पद रिक्त थे। आत्मानंद शालाओं में पद रिक्तता के बावजूद जिले में पदस्थापना न देकर अन्य जिलों में पदस्थापना दिए जाने के कारण शिक्षक संवर्ग में भारी आक्रोश है।
उन्होंने कहा, वर्तमान में दुर्ग जिले की इन्हीं आत्मानंद शालाओं में रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति एवं संविदा भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। इन रिक्त पदों पर जिला दुर्ग व बालोद में कार्यरत शिक्षक संवर्ग को आवेदन करने के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं दिया जा रहा है, जबकि दूरस्थ जिलों में पदस्थ शिक्षक दुर्ग जिले की आत्मानंद शालाओं में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन कर रहे हैं। उक्त प्रक्रिया में भारी लेन-देन और शिक्षकों का भयादोहन जिला स्तर पर किए जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही है। जिला स्तर की इन अनियमितताओं के कारण शिक्षक संवर्ग में आक्रोश पनप रहा है। उक्त प्रक्रिया से युक्तियुक्तकरण के उद्देश्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।
शालेय शिक्षक संघ के दंतेवाड़ा जिलाध्यक्ष संतोष मिश्रा, बीजापुर के जिलाध्यक्ष प्रह्लाद जैन आदि अन्य जिलाध्यक्षों ने मांग की है कि आत्मानंद (सेजेस) के स्कूलों में व्याख्याता के रिक्त पदों को अभी T संवर्ग व्याख्याता पदोन्नति काउंसलिंग के लिए दिखाया जाना चाहिए। दुर्ग/ बालोद व अन्य जिले की आत्मानंद शालाओं में जारी संविदा भर्ती व प्रतिनियुक्ति की समीक्षा करते हुए अनियमितता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध समुचित कार्यवाही करें। 2008 के सेटअप के तहत पदोन्नति भरे जाने वाले पदों पर यथाशीघ्र पदोन्नति प्रदान करें।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह, विष्णु शर्मा, डॉ. सांत्वना ठाकुर, सत्येंद्र सिंह, विवेक शर्मा, गजराज सिंह, राजेश शर्मा, शैलेश सिंह, प्रह्लाद जैन, संतोष मिश्रा, संतोष शुक्ला, शिवेंद्र चंद्रवंशी, दीपक वेंताल, यादवेंद्र दुबे, सर्वजीत पाठक, मंटू खैरवार, पवन दुबे, नंदकुमार अठभैया, भोजराम पटेल, विनय सिंह, आशुतोष सिंह, भानु डहरिया, रवि मिश्रा आदि पदाधिकारियो नें सरकार से उपरोक्त मांगों पर जल्द निर्णय लेने की मांग की है।
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