Supreme Court Hearing On Reliance Vantara: रिलायंस फाउंडेशन के वनतारा को सुप्रीम कोर्ट ने क्लीनचिट दे दी है। सोमवार (15 सितंबर) को शीर्ष न्यायालय ने गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में हाथियों के स्थानांतरण को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि पूरी प्रक्रिया और नियमों का पालन किया गया है तो इसमें कोई गलती नहीं है। कोर्ट ने कहा कि विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा को क्लीनचिट दे दी। बता दें कि जामनगर स्थित वनतारा को अंबानी परिवार का रिलायंस फाउंडेशन चलाता है।
इससे पहले SC ने 26 अगस्त को 2 पब्लिक इंटरेस्ट पिटीशन (PIL) पर SIT बनाने का आदेश दिया था। एक वकील सीआर जया सुकीन और दूसरी याचिका देव शर्मा ने जुलाई में कोल्हापुर के मंदिर से हाथी ‘माधुरी’ को वनतारा में ले जाने के विवाद के बाद दायर की थी।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने कहा कि अब इस मामले को बार-बार उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। स्वतंत्र समिति ने जांच की है और हम उसी पर भरोसा करेंगे।
जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस प्रसन्ना वराले की बेंच ने इतने कम समय में रिपोर्ट देने के लिए एसआईटी की सराहना की। वनतारा के लिए पेश सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा कि हम नहीं चाहते कि पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक हो। दुनिया में बहुत से लोग हमसे व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता रखते हैं. वह दुरुपयोग कर सकते हैं। इस पर जस्टिस मिथल ने कहा कि कोर्ट ऐसा नहीं होने देगा। हम आपको रिपोर्ट देंगे ताकि आप जहां सुधार की जरूरत हो, कर सकें।
कार्रवाई की जरूरत होगी तो हम आदेश देंगे’
जजों ने कहा, ‘हम रिपोर्ट को देखेंगे और अगर किसी कार्रवाई की जरूरत होगी तो आदेश पारित करेंगे। हमने जानबूझकर अभी तक रिपोर्ट नहीं खोली है। समिति ने अपना काम समय पर किया है, हम इसकी सराहना करते हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह शुरू से दखल देने के पक्ष में नहीं थी, लेकिन आरोप सामने आने के बाद जांच का आदेश दिया गया।
अनंत अंबानी के वनतारा का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि आपत्तियां वे देश उठा रहे हैं जो शिकार की अनुमति देते हैं, सिर्फ इसलिए कि भारत कुछ अच्छा कर रहा है। उन्होंने जोर दिया कि रिलायंस फाउंडेशन का वाइल्डलाइफ सेंटर सुप्रीम कोर्ट की समिति के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहा है और अपना स्टाफ उपलब्ध करा रहा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट में कुछ गोपनीय जानकारियां हैं जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।
SIT रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी
वनतारा के वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए। उनका तर्क था कि अगर रिपोर्ट बाहर आई तो न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अखबार उसका केवल कुछ हिस्सा छापकर गलत नैरेटिव बना देंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी।
SIT ने 12 सितंबर को रिपोर्ट सौंपी
4 सदस्यीय SIT का नेतृत्व पूर्व जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने किया था और टीम में जस्टिस राघवेंद्र चौहान (पूर्व चीफ जस्टिस, उत्तराखंड व तेलंगाना HC), पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले और कस्टम्स अधिकारी अनिश गुप्ता शामिल थे। SIT ने 12 सितंबर को रिपोर्ट सौंप दी थी। कोर्ट ने SIT की सराहना की और कहा कि समिति को मानदेय भी दिया जाए।
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