दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव में इस बार भी जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। केंद्रीय पैनल के विभिन्न पदों के लिए कुल 82 छात्रों ने नामांकन दाखिल किए, जिनमें से 74 नामांकन वैध पाए गए हैं। चुनाव मैदान में सभी छात्र संगठन जीत दर्ज करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। मौजूदा हालात पर नजर डालें तो मुकाबला मुख्य रूप से एनएसयूआई (NSUI) और एबीवीपी (ABVP) के बीच होने का अनुमान है। इस बार अध्यक्ष पद की लड़ाई और भी दिलचस्प हो गई है। पिछले चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज कर चुकी एनएसयूआई ने 17 साल बाद किसी महिला को उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव चला है।
हरियाणा बनाम राजस्थान की लड़ाई
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव इस बार सिर्फ एबीवीपी बनाम एनएसयूआई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मुकाबला हरियाणा बनाम राजस्थान की सियासी जंग में भी बदल गया है। अध्यक्ष पद पर एबीवीपी उम्मीदवार आर्यन मान और एनएसयूआई प्रत्याशी जोसलीन नंदिता चौधरी आमने-सामने हैं।
आर्यन मान का परिवार हरियाणा के बहादुरगढ़ से ताल्लुक रखता है। उनके पिता सिकंदर मान बड़े कारोबारी हैं और दादा शीचंद मान 17 खापों के प्रधान रह चुके हैं। परिवार की कांग्रेस नेताओं से भी गहरी नजदीकी रही है। आर्यन के चाचा अशोक मान के रिश्ते भूतपूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी अच्छे माने जाते हैं। आर्यन ने हंसराज कॉलेज से स्नातक किया और वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय से लाइब्रेरी साइंस में एमए कर रहे हैं।
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आर्यन का चुनावी वादा है कि हर कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य काउंसलर की नियुक्ति की जाए ताकि छात्रों को कैंपस में ही जरूरी मदद मिल सके। दूसरी ओर, एनएसयूआई की उम्मीदवार जोसलीन नंदिता चौधरी राजस्थान के जोधपुर जिले के पल गांव से आती हैं। 23 वर्षीय जोसलीन युवाओं में लोकप्रिय चेहरा मानी जा रही हैं और पार्टी उन्हें महिला नेतृत्व को मजबूत करने के प्रतीक के रूप में पेश कर रही है।
अध्यक्ष पद पर एबीवीपी से आर्यन मान मैदान में हैं, जिनका परिवार हरियाणा के बहादुरगढ़ से जुड़ा है। वहीं, एनएसयूआई ने राजस्थान के जोधपुर जिले के पल गांव से ताल्लुक रखने वाली 23 वर्षीय जोसलीन नंदिता चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।आर्यन जहां हर कॉलेज में मेंटल हेल्थ काउंसलर की नियुक्ति का वादा कर रहे हैं, वहीं जोसलीन को लेकर पार्टी का दावा है कि वे छात्राओं की सुरक्षा और विश्वविद्यालय में बराबरी का माहौल लाने के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा हैं।
एनएसयूआई ने 17 साल बाद किसी महिला को अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा है। 23 वर्षीय जोसलीन नंदिता चौधरी, राजस्थान के जोधपुर जिले के पल गांव की रहने वाली हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन में परास्नातक कर रही हैं। 2019 से एनएसयूआई की सक्रिय सदस्य रही जोसलीन ने लगातार महिला अधिकारों, विश्वविद्यालय सुरक्षा और छात्र प्रतिनिधित्व के लिए काम किया है। एनएसयूआई का कहना है कि किसान परिवार से आने वाली जोसलीन का नामांकन महिला नेतृत्व को नई दिशा देगा और यह फैसला ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
इस चुनाव में लगभग 2.75 लाख छात्र मताधिकार का प्रयोग करेंगे। यही वजह है कि यह चुनाव केवल छात्र राजनीति का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति का भी अहम संकेतक माना जाता है।
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