रायपुर। विधानसभा विशेष सत्र में दूसरी दिन की कार्यवाही के दौरान उस समय सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग हक्के-बक्के रह गए, जब कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ला ने गांधी पर नहीं बोलने देने के लिए सदन का बहिर्गमन कर दिया.

विधायक अमितेष शुक्ला ने कहा कि मेरा परिवार स्वतंत्रता के आंदोलन में हिस्सा लिया था. हमने गांधी को बचपन से देखा है. मुझे दुख हुआ कि सदन में जब उन पर चर्चा की जा रही है तो मुझे बोलने का अवसर नहीं दिया गया. ये मेरे लिए अफसोस का विषय है. मैं पार्टी फोरम में इस बात को रखूंगा. इस पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हम गांधी पर चर्चा कर रहे हैं, ऐसे में कोई सदस्य नाराज होकर सदन छोड़कर जाए ये उचित नहीं है.

विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सदस्य का जाना ठीक नहीं है. अजय चंद्राकर ने कहा कि इस सदन में कई बार ऐसा हुआ है कि बोलने वाली सूची में नाम नहीं होने बावजूद आसंदी अपने विवेक पर बोलने की अनुमति देता है. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि उनका नाम सूची में पहले से ही नहीं है. संसदीय कार्यमंत्री उनसे बात कर लेंगे.

इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आजादी के बाद जो सरकार बनी उसने गांधी के विचार को भूला दिया. गांधी जी विचारों को किसने कुचला किसने उनके विचारों की धज्जियां उड़ाई, किसने इमरजेंसी लगाई, इस विचार की जरूरत है. मुख्यमंत्री को कहना चाहूंगा कि इस अवसर पर ऐसा कुछ करें जिससे छत्तीसगढ़ से ऐसा सन्देश जाने चाहिए जिसको लोग याद रखें.

उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है प्रदेश में राजनीति में मदभेद व्यक्तिगत मतभेद बदल रहा है. इस दौरान उन्होंने कवर्धा शक्कर फैक्ट्री के गन्ना किसानों को भुगतान करने की मांग करते हुए तत्काल भुगतान नहीं करने पर अपने दल के सदस्यों के साथ अनशन में बैठने की बात कही.