कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याएं और गंभीर हो चुकी है,इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका दर्द प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए खून से चिट्ठी लिखनी पड़ी है। संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए खून से पत्र लिखा है जिसमें आउटसोर्स कर्मचारीयो के साथ हो रहे शोषण, वेतन में देरी और ठेकेदारों की मनमानी का जिक्र किया गया है।
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दरअसल खून से लिखे इस पत्र के जरिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से गुहार लगाई गई है कि मध्य प्रदेश सरकार ने आज तक आउटसोर्स कर्मचारीयो के लिए कोई स्पष्ट नीति तय नहीं की है, इस वजह से आउटसोर्सिंग एजेंसियों और ठेकेदारों की मनमानी चरम पर पहुंच गई है। कर्मचारियों की तरह ना तो तयशुदा दर पर और ना ही समय पर वेतन मिलता है। कई बार तो महीनो तक वेतन अटक जाता है, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि EPF की राशि भी नियमित रूप से जमा नहीं की जाती। जब कर्मचारी जानकारी मांगते हैं तो उन्हें जवाब नहीं दिया जाता या फिर धमकाया जाता है।
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मध्य प्रदेश संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी वही कार्य करते हैं जो स्थाई कर्मचारी करते हैं,लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। खून से लिखी चिट्ठी में कोमल ने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप कर मामले में दखल देने की अपील की है, ताकि मध्य प्रदेश शासन को निर्देशित किया जा सके कि वह आउटसोर्स कर्मचारी के लिए ठोस नीति बनाएं।
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