Jaware are Sown on Navratri First Day: नवरात्रि का पावन पर्व, जो मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, अपने आप में कई परंपराओं को समेटे हुए है. इन नौ दिनों के उत्सव में से एक सबसे महत्वपूर्ण और पुरानी परंपरा है जौ बोना. आपने अक्सर लोगों को कलश स्थापना के साथ छोटे मिट्टी के बर्तन में जौ बोते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है? यह सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व छिपा है.
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Jaware are Sown on Navratri First Day
क्यों बोए जाते हैं जौ? (Jaware are Sown on Navratri First Day)
मान्यताओं के अनुसार, जौ को सृष्टि की पहली फसल माना जाता है. इसी कारण, किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में इसका विशेष स्थान होता है. जब हम नवरात्रि में जौ बोते हैं, तो हम एक तरह से नई शुरुआत का स्वागत करते हैं. यह फसल सिर्फ अनाज नहीं, बल्कि देवी अन्नपूर्णा का साक्षात रूप भी है, जो हमें धन-धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
सुख, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक (Jaware are Sown on Navratri First Day)
नवरात्रि के दौरान जौ का उगना हमारे भविष्य का संकेत भी माना जाता है. अगर जौ तेजी से और हरे-भरे उगते हैं, तो यह घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. यह इस बात का भी संकेत होता है कि आने वाले साल में हमारी फसल अच्छी होगी और घर में किसी चीज की कमी नहीं रहेगी. यह हमें प्रकृति से जोड़े रखता है और सिखाता है कि जिस तरह हम बीज बोकर फसल उगाते हैं, उसी तरह हमारे कर्म भी फल देते हैं.
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नवरात्रि में जौ बोने का सही तरीका (Jaware are Sown on Navratri First Day)
- सबसे पहले मिट्टी का पात्र अच्छी तरह धोकर शुद्ध कर लें.
- पात्र के नीचे रोली व हल्दी से स्वास्तिक या ऊँ बनाएं और पॉजिटिव माहौल के लिए फूल आदि से सजाएं.
- साफ, उपजाऊ, कंकड़-मुक्त मिट्टी लें (संभव हो तो नदी या खेत की शुद्ध मिट्टी) और उसे पात्र में बिछाएं.
- अच्छे, साबुत और स्वस्थ जौ के दानों को एक दिन पहले पानी में भिगो दें. भिगोए जौ अंकुर तेजी से निकलते हैं.
- पात्र में मिट्टी की पहली परत बिछाने के बाद भीगे जौ सभी तरफ छितरा दें और उस पर पतली सी मिट्टी की दूसरी परत डालें.
- पात्र को देवी मां की मूर्ति या तस्वीर के सामने रखें.
- रोज सुबह-शाम जल का हल्का छिड़काव करें, मिट्टी को हल्का नम रखें. अधिक पानी न डालें वरना बीज सड़ सकते हैं.
- नौ दिनों में जौ के पौधे निकलकर हरे-भरे हो जाते हैं. यह परिवार के लिए शुभ और मंगलकारी माने जाते हैं.
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