अभिषेक सेमर, तखतपुर. भारत रत्न डॉ एम विश्वेसरैया की जयंती अभियंता दिवस के अवसर पर विकास संस्कृति अभियंता अकादमी एवं डिग्री इंजीनियर्स के अभियंताओं ने संयुक्त रूप से विकास संस्कृति साहित्य महोत्सव का आयोजन किया। प्रथम सत्र में विकास संस्कृति अभियंता अकादमी एवं डिग्री इन्जीनियर्स एसोसिएशन के अभियंता सदस्यों में इन्जी एमके जैन, एके सोनी एवं मनीष राठौर ने डॉ. एम विश्वेसरैया के जीवन को प्रेरणादायक बताया और कहा कि डॉ विश्वेसरैया एक महान अभियंता के साथ-साथ जाने माने तकनीकी साहित्यकार थे। उन्होंने भारत के नवनिर्माण से संबंधित अनेक तकनीकी पुस्तकों की रचना भी की।

विकास संस्कृति महोत्सव, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री अधिष्ठाता पीताम्बरा विद्यापीठ सीकरी तीर्थ थे। विशेष अतिथि के रूप में अनिल टाह पूर्व बी डी ए चेयरमैन, डॉ जितेन्द्रकुमार सिंह संजय प्रख्यात साहित्यकार, इन्जी आलोक अग्रवाल अधीक्षण अभियंता उपस्थित थे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.बृजेश सिंह ने की।

पर्यावरण विमर्श पर केन्द्रित एवं डॉ.बृजेश द्वारा सम्पादित दो शोधग्रंथ ‘पर्यावरण विमर्श की वैचारिक पृष्ठभूमि और जल संरक्षण’ व ‘जल पर्यावरण विमर्श’ के साथ-साथ डॉ रविन्द्र पुन्जाराम ठाकरे का पी-एच डी शोधग्रंथ ‘राष्ट्रकवि बृजेश सिंह की गजलों में पर्यावरण विमर्श’ का विमोचन अतिथियों ने किया। पर्यावरण पर केन्द्रित विमोचित कृतियों की समीक्षा में मुख्य अतिथि आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने कहा कि पर्यावरण का क्षरण आज विश्व की सबसे ज्वलंत समस्या है, जिसके उपचार के संबंध में अभियंताओं को सामने आने की आवश्यकता है। विमोचित पुस्तकों में पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित समुचित समाधान सुझाया गया है।

विकास संस्कृति महोत्सव के द्वितीय सत्र में ‘डॉ.बृजेश सिंह की गजलों में व्यंग्य विधान’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन डॉ रविन्द्र पी ठाकरे तथा डॉ जे एस मोरे के आतिथ्य में किया गया। सम्मान के उपक्रम में विकास संस्कृति साहित्य अकादमी ने राजर्षि कल्याण सिंह नामित “विद्यावारिधि” सम्मान आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री दिल्ली तथा अभियंता सूर्यभान सिंह नामित “साहित्य महोदधि” सम्मान डॉ जितेन्द्रकुमार सिंह संजय उत्तरप्रदेश को प्रदान किया। इसके अतिरिक्त प्राध्यापक डॉ जे एस मोरे को ‘विकास संस्कृति अनुवाद सम्मान’, डॉ संतोष पगार एवं प्रा बी एन शेलके को ‘पर्यावरण मित्र’ सम्मान तथा पर्यावरण समीक्षा सम्मान से डॉ एल सी मढ़रिया, इन्जी एम पी साहा, इन्जी मनीष राठौर, इन्जी एम के जैन, इन्जी एस बी तिवारी, डॉ अनिता सिंह को सम्मानित किया गया।

महाराष्ट्र से आए वरिष्ठ साहित्यकार, हिंदी प्रोफेसर डॉ मोरे ने मनीष राठौर के अभियंताओं के विषय में स्वरचित कवितापाठ से प्रसन्न होकर उनका सम्मान किया। साथ ही अपने उद्बोधन में यह रेखांकित किया कि आने वाले समय में इंजी मनीष राठौर को हम ख्याति प्राप्त साहित्यकार के रूप में जानेंगे। कार्यक्रम में विकास संस्कृति अभियंता सम्मान से इन्जी आलोक अग्रवाल, समाज सेवा सम्मान से इन्जी उमाकांत मिश्रा तथा महाराणा रत्न सम्मान से देवेश सिंह को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर छग डिग्री इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव मनीष राठौर के साथ, उपाध्यक्ष राजेन्द्र साहू, बिलासपुर जिलाध्यक्ष अखिलेश राठौर,सदस्य रॉकी कामले सहित बड़ी संख्या में अभियंता उपस्थित रहे।