परवेज आलम/बगहा। नेपाल में हुई भारी बारिश का असर अब भारत के सीमावर्ती इलाकों पर भी दिखाई देने लगा है। सोमवार देर रात वाल्मीकिनगर गंडक बराज से लगभग डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इसके चलते पश्चिम चंपारण जिले के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
गांवों और कैंपों में घुसा पानी
गंडक नदी का पानी वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (VTR) जंगल चकदहवा, बीन टोली, कान्हा टोली और एसएसबी कैंप तक पहुंच गया है। लक्ष्मीपुर रामपुरवा पंचायत के भेड़िहारी से चकदहवा जाने वाली मुख्य सड़क पर करीब 3 से 4 फीट पानी बह रहा है। इस वजह से आम लोगों के आवागमन में भारी दिक्कत हो रही है। वहीं कई घरों में भी पानी घुस जाने से ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है।
ग्रामीण रातभर जागकर कर रहे पहरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि नेपाल के तराई क्षेत्र और पश्चिम चंपारण में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने उनकी मुश्किलें दोगुनी कर दी हैं। चकदहवा बीन टोली रामनगर और बगहा 1 को जोड़ने वाले तमकुही इलाके में बाढ़ और कटाव जैसे हालात हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अभी तक प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और ना ही जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने पहुंचे हैं।
खैरटवा में कटाव से हंगामा
बगहा-1 प्रखंड के खैरटवा और तमकुही सलहा में गंडक और मसान नदी का कटाव तेजी से हो रहा है। हालात बिगड़ने पर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे लोग तबाही के डर में जी रहे हैं।
प्रशासन ने दी सफाई
बाढ़ और कटाव की सूचना पर बगहा-2 के सीओ रवि प्रकाश चौधरी ने कहा कि गंडक नदी के जलस्तर में हल्की वृद्धि हुई है और पानी चकदहवा, बीन टोली व एसएसबी कैंप में प्रवेश कर गया है। संबंधित राजस्व कर्मियों को मौके पर भेजा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर सामुदायिक किचन चलाया जाएगा और प्रभावित परिवारों को हरसंभव राहत मुहैया कराई जाएगी। साथ ही ग्रामीणों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
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