झारखंड मंत्रालय में मंगलवार को राज्यस्तरीय नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में सफल 300 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इस अवसर पर श्रम नियोजन मंत्री संजय यादव भी मौजूद रहे और उन्होंने भी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इनमें 131 स्नातक प्रशिक्षित और 170 इंटर प्रशिक्षित उम्मीदवार शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने नए नियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा ही राज्य की असली ताकत है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बच्चों का बौद्धिक विकास शिक्षा से ही संभव है। डिजिटल युग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समय में हमें अपनी रफ्तार और बढ़ानी होगी। झारखंड को ‘मजदूर प्रदेश’ की पहचान से निकालकर ज्ञान और शिक्षा की धरती के रूप में स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है।
सीएम ने शिक्षकों को जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए कहा कि आपको मिलने वाला वेतन जनता का पैसा है। इसलिए बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना ही आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी बताया कि सीएम एक्सीलेंस स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चों का दाखिला हुआ है। कई अभिभावक निजी स्कूलों से नाम कटवाकर इन स्कूलों पर भरोसा जता रहे हैं। सरकार का लक्ष्य शिक्षा को सबके लिए सुलभ और बेहतर बनाना तथा निजी स्कूलों के एकाधिकार को समाप्त करना है।
श्रम नियोजन मंत्री संजय यादव ने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहा कि दौलत विरासत में मिल सकती है, लेकिन पहचान ज्ञान से ही बनती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 6 से 12 प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग कार्यक्रम का ऑनलाइन शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह ने स्वागत भाषण दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन परियोजना निदेशक संजय रंजन ने किया।
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