Senior Citizen Loan: भारत में बैंकिंग सेक्टर लोन देने में काफी सख्त नियम अपनाता है. जहां युवाओं और नौकरीपेशा लोगों को बैंक आसानी से होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन दे देते हैं, वहीं सीनियर सिटिजन यानी 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए हालात अलग होते हैं.

बता दें, रिटायरमेंट के बाद उनकी नियमित आय का स्रोत सीमित हो जाता है. बढ़ती उम्र के साथ बैंक को लोन रिकवरी का रिस्क दिखने लगता है. इसी कारण बैंक अधिकांश बार उनके लोन को रिजेक्ट कर देते हैं.
किन परिस्थितियों में मिल सकता है लोन
हालांकि, हर बार सीनियर सिटिजन को बैंक लोन से मना नहीं करते. कुछ विशेष परिस्थितियों में बैंक उनका लोन अप्रूव कर देते हैं. जैसे अगर उम्र 70 साल से कम है. लोन की राशि और अवधि छोटी हो. आय का स्रोत पेंशन, किराया या एफडी का ब्याज हो. पर्याप्त क्रेडिट स्कोर और गारंटी उपलब्ध हो.
पैसों का जुगाड़ करने के विकल्प
अगर बैंक लोन न भी दे, तो भी बुजुर्गों के पास कई रास्ते खुले रहते हैं. ऐसे हालात में वे इन विकल्पों का सहारा ले सकते हैं-
गोल्ड लोन: इमरजेंसी में Gold Loan सबसे आसान तरीका होता है. बैंक या NBFC आपके सोने के बदले त्वरित लोन उपलब्ध कराते हैं.
पेंशन लोन स्कीमः पेंशनर्स के लिए विशेष स्कीम. मासिक पेंशन के आधार पर लोन अप्रूव हो जाता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर लोन: बैंक एफडी की राशि का 90% तक लोन उपलब्ध कराते हैं. यह तरीका सुरक्षित और तेज़ है.
NBFC से लोन: नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां क्रेडिट स्कोर के आधार पर सीनियर सिटिजन को लोन देती हैं. यहां प्रोसेसिंग अक्सर आसान होती है.
सीनियर सिटिजन को बैंक लोन लेने में दिक्कत जरूर आती है, लेकिन यह नामुमकिन नहीं है. सही प्लानिंग, क्रेडिट स्कोर और वैकल्पिक स्रोतों की जानकारी होने पर वे अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी कर सकते हैं. ऐसे समय में गोल्ड लोन, पेंशन स्कीम और FD पर लोन बेहद उपयोगी विकल्प साबित हो सकते हैं.
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