किशनगंज। गौकशी पर रोक और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर चल रहे गौमतदाता संकल्प यात्रा के तहत ज्योतिषपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने किशनगंज में आयोजित गौमतदाता संकल्प सभा को संबोधित किया। सभा में भारी भीड़ जुटी और शंकराचार्य ने गौमाता की रक्षा को हर सनातनी का कर्तव्य बताते हुए स्पष्ट कहा कि हिंदू समाज को अब एकजुट होकर ऐसे राजनेताओं का समर्थन करना चाहिए जो गौहत्या बंद कराने और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए संकल्पित हों।
गौहत्या को समर्थन करने वालों से दूरी बनाएं
शंकराचार्य ने कहा कि गौहत्या को सहना ही हिंदू न होने की पहचान है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों के सामने यह संदेश लिखकर बोर्ड लगाएं यह हिंदू घर है, गोहत्यारी पार्टी और प्रत्याशी हमसे वोट की उम्मीद न करें। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति और कुछ स्वार्थी नेता सत्ता पाने के लिए गौमाता को टुकड़े-टुकड़े कर बेचने का कृत्य बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में धर्म और समाज की रक्षा हेतु अब सनातनधर्मियों को अपने मत का प्रयोग केवल गौभक्त प्रत्याशियों के पक्ष में करना चाहिए।
गौभक्तों की एकजुटता
शंकराचार्य महाराज ने कहा कि राजनीति की सबसे कमजोर नस है वोट। जब नेताओं को यह महसूस होगा कि गौहत्या का समर्थन करने पर उनकी सत्ता खतरे में पड़ सकती है, तब वे खुद को गौभक्त दिखाने की होड़ में लग जाएंगे। उन्होंने कहा यदि सनातनी राजनीति के जरिए हम यह संदेश देंगे कि गोकशी करने वालों को सत्ता नहीं मिलेगी, तो कल से नेता खुद को गौभक्त बताने के लिए सींग लगाकर घूमेंगे।
आशीर्वाद और श्रद्धांजलि
सभा के बाद शंकराचार्य जी ने किशनगंज में मनोज गट्टानी के आवास पर रात्रि विश्राम किया। गट्टानी परिवार ने उनके चरण पादुका का पूजन और आरती की। इसी तरह विवेक शर्मा ने भी चरण पादुका पूजन कर आशीर्वाद लिया। इसके अतिरिक्त शंकराचार्य ने स्वर्गीय पं. कृष्णानंद उपाध्याय के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्णिया में करेंगे रात्रि विश्राम
कार्यक्रम के बाद शंकराचार्य जी महाराज ने पूर्णिया जाने का संकल्प लिया, जहां वे आज रात्रि विश्राम करेंगे। इस अवसर पर गौमतदाता संकल्प यात्रा के संयोजक स्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुंदानंद गिरी महाराज, दीपक शर्मा, मनीष जलान, ललित मित्तल, छोटू पासवान, अखिलेश ब्रह्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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