उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की कुलपति सुनीता मिश्रा द्वारा औरंगजेब को ‘कुशल शासक’ बताने पर मचा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. छात्रों और संगठनों के विरोध के बीच कुलपति ने एक वीडियो जारी कर राजपूत करणी सेना सहित पूरे मेवाड़ से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी.

कुलपति ने मांगी माफी
कुलपति सुनीता मिश्रा ने कहा –
“12 सितंबर को आयोजित सेमिनार में मुझसे भूलवश ऐसा बयान निकल गया था. इससे समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची. मैं समस्त मेवाड़, विशेषकर राजपूत समाज और राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना से क्षमा चाहती हूं.”
मंत्री बाबूलाल खराड़ी का तीखा हमला
राज्य के कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कुलपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा –
- उनके बयान से साफ झलकता है कि वे माओवादी विचारधारा से प्रभावित हैं.
- ऐसे कुलगुरु को बर्खास्त किया जाना चाहिए.
- उदयपुर की जनता और छात्र बेहद नाराज़ हैं.
खराड़ी ने कहा कि अगर औरंगजेब जैसा शासक अच्छा माना जाएगा तो यह इतिहास की समझ पर सवाल खड़े करता है. उन्होंने कहा कि वास्तविक आदर्श प्रशासक तो राणा सांगा जैसे योद्धा थे जिन्होंने मेवाड़ को उदाहरणीय शासन दिया.
आरोप और कार्रवाई की मांग
मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कुलपति पर पहले भी कई शिकायतें आ चुकी हैं –
- आदिवासी छात्रों से मारपीट और दुर्व्यवहार.
- बच्चों से निजी कार्य कराना.
उन्होंने कहा कि सरकार से औपचारिक रूप से सिफारिश करेंगे कि कुलपति को पद से हटाया जाए.
राजनीतिक रंग भी चढ़ा विवाद पर
खराड़ी ने कहा कि कांग्रेस के पास जनता से जुड़े मुद्दे नहीं हैं, इसलिए ऐसे विवादों को हवा दी जा रही है. उन्होंने विधानसभा में कैमरे लगाए जाने को लेकर उठे विरोध को भी “सिर्फ नाटक” करार दिया.