दौसा। राजस्थान के दौसा जिले में सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में चयनित ट्रेनी SI राजेंद्र सैनी (30) की मौत के बाद 45 घंटे से चल रहे विवाद का समाधान हो गया. प्रशासन और परिजनों के बीच हुई सहमति के अनुसार मृतक परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा, एक आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था होगी. साथ ही, धरना देने वालों पर कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा.

क्या है मामला?
15 सितंबर की रात को दौसा रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी से कटकर राजेंद्र सैनी की मौत हो गई थी. परिवार का आरोप था कि जब तक मुआवजे का चेक नहीं मिलता, वे शव नहीं लेंगे और धरना खत्म नहीं करेंगे.
विधायक का बयान
दौसा विधायक दीनदयाल बैरवा ने दावा किया कि यह आत्महत्या का मामला है. उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद से ही राजेंद्र डिप्रेशन में थे. विधायक ने कहा, “सरकार और प्रशासन ने आंखें मूंद रखी हैं. 785 निर्दोष उम्मीदवारों में से एक नौजवान ने आत्महत्या कर ली, लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं है.”
समझौता और प्रशासन की भूमिका
बुधवार शाम करीब 5:19 बजे SDM मूलचंद लूणिया और परिजनों के बीच समझौता हुआ. पहले परिवार 5 करोड़ मुआवजे की मांग पर अड़ा था, लेकिन अंततः 50 लाख रुपये और नौकरी पर सहमति बनी.
बता दें, राजेंद्र की पोस्टिंग धौलपुर में थी. वे मूल रूप से भरतपुर जिले के भुसावर थाना क्षेत्र के बल्लभगढ़ के रहने वाले थे और फिलहाल अलवर के गंज खेरली में परिवार संग रहते थे. रिश्तेदारों के अनुसार परीक्षा रद्द होने के बाद से ही वह मानसिक तनाव में थे और अक्सर कहते थे- “अब या तो परीक्षा रहेगी या फिर मैं.”