दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 के लिए मतदान आज होगा। अलग-अलग छात्र संगठनों और पैनलों से कुल करीब 20 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से जानकारी के अनुसार, मतदान दो शिफ्टों में संपन्न होगा। पहली शिफ्ट सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगी, जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 7:30 बजे तक आयोजित की जाएगी। छात्र-छात्राएं अपने मताधिकार का प्रयोग विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न कॉलेजों और विभागों में कर सकेंगे। इस चुनाव के परिणाम शुक्रवार, 19 सितंबर को घोषित किए जाएंगे। छात्र राजनीति में डूसू चुनाव को मिनी विधानसभा चुनाव माना जाता है और राजधानी ही नहीं बल्कि पूरे देश की सियासी सरगर्मी पर इसका असर पड़ता है।
कोर्ट की सख्ती का दिखा असर
इस बार डूसू चुनाव पर दिल्ली हाई कोर्ट की सख्ती का असर साफ तौर पर देखने को मिला है। पिछले साल हुए चुनाव के दौरान कोर्ट ने छात्र संगठनों को कैंपस में पोस्टर, पर्चे और दीवारों पर लिखने से होने वाली गंदगी को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने साफ कहा था कि कैंपस को गंदा करने वालों पर कार्रवाई हो और प्रचार सामग्री से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाई जाए।
इसी फटकार का नतीजा है कि जहां हर साल चुनावी माहौल में नॉर्थ कैंपस की सड़कें, दीवारें और परिसर पर्चों और प्रचार सामग्री से पटे रहते थे, वहीं इस बार पूरा नॉर्थ कैंपस काफी साफ-सुथरा दिखाई दे रहा है। छात्र संगठनों ने प्रचार के लिए डिजिटल माध्यम और सीमित संख्या में बैनरों का सहारा लिया है।
ABVP-NSUI के बीच मुख्य मुकाबला
इस बार संघ के चार अहम पदों – अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव – के लिए कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं इन चुनावों में प्रमुख छात्र संगठनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के अलावा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और कुछ अन्य संगठन भी किस्मत आजमा रहे हैं। नॉर्थ कैंपस के छात्रों से बातचीत से यह साफ झलक रहा है कि इस बार भी मुख्य मुकाबला ABVP और NSUI के बीच ही होने जा रहा है। दोनों संगठनों ने चारों पदों पर अपने-अपने चार-चार उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, अन्य संगठन तीसरे मोर्चे की तरह मैदान में मौजूद हैं, लेकिन उनकी चुनौती सीमित मानी जा रही है।
ABVP के उम्मीदवार
अध्यक्ष: आर्यन मान
उपाध्यक्ष: गोविंद तंवर
सचिव: कुणाल चौधरी
संयुक्त सचिव: दीपिका झा
अध्यक्ष: जोसलिन नंदिता चौधरी
उपाध्यक्ष: राहुल झांसल
सचिव: कबीर
संयुक्त सचिव: लवकुश भड़ाना
SFI-AISA ने इन्हें बनाया प्रत्याशी
इस बार एसएफआई-आईसा गठबंधन भी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरा है।
गठबंधन ने चारों अहम पदों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है:
- अध्यक्ष पद: अंजलि (AISA)
- उपाध्यक्ष पद: सोहन कुमार यादव
- सचिव पद: अभिनंदना
- संयुक्त सचिव पद: अभिषेक कुमार
इस गठबंधन का दावा है कि वे छात्र हितों के असली मुद्दों – फीस वृद्धि, हॉस्टल की कमी, लाइब्रेरी टाइमिंग और महिला सुरक्षा – को चुनावी एजेंडा बना रहे हैं। हालांकि, नॉर्थ कैंपस के छात्र मानते हैं कि इस बार भी सीधी टक्कर एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच है, जबकि एसएफआई-आईसा गठबंधन तीसरे विकल्प के तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में है।
कितने कॉलेज के छात्र करेंगे वोटिंग?
इस बार विश्वविद्यालय के 52 कॉलेज और विभागों के 2.75 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं मतदान करेंगे। चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए करीब 700 ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा। छात्रसंघ के चार पदों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव) के लिए मतदान ईवीएम से होगा, जबकि कॉलेज के काउंसलर पदों के लिए परंपरागत तरीके से बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस बार नॉर्थ कैंपस और साउथ कैंपस दोनों जगहों पर सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 3 बजे से शाम 7:30 बजे तक दो शिफ्टों में वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे शुक्रवार, 19 सितंबर को घोषित किए जाएंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
डूसू चुनाव समिति के मुख्य रिटर्निंग ऑफिसर डॉ. राजेश सिंह ने मतदान की तैयारियों पर जानकारी देते हुए कहा, “डूसू चुनाव 2025 को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए दिल्ली पुलिस से हमें पूरा सहयोग मिला है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस बार कुल 52 पोलिंग केंद्र बनाए गए हैं ताकि छात्रों को वोट डालने में किसी भी तरह की दिक्कत न हो।”
EVM से होगी वोटिंग
डूसू चुनाव समिति के मुख्य रिटर्निंग ऑफिसर डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि इस बार चुनाव पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि चार शीर्ष पदों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव) के लिए ईवीएम से मतदान होगा, जबकि कॉलेज काउंसलर के लिए पारंपरिक बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। मतदान दो शिफ्टों में होगा – पहली शिफ्ट सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 7:30 बजे तक। विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और इस बार कुल 52 पोलिंग केंद्र बनाए गए हैं।
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