नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की दस्तावेज पहचान संख्या (डीआईएन) प्रणाली की शुरुआत एक अक्टूबर से हो गई है. अब से आयकर विभाग की किसी भी सूचना, पत्र, आदेश, समन और अन्य पत्राचार में यदि डीआईएन का उल्लेख नहीं होता है, तो इसे अमान्य समझा जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश पर विकसित की गई डीआईएन प्रणाली की जानकारी देते हुए राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय ने कहा कि डीआईएन प्रणाली से कर प्रशासन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलेगा. ई-फाइलिंग पोर्टल पर डीआईएन की जांच की जा सकती है. विशेष परिस्थितियों में डीआईएन के बिना भी पत्राचार किया जा सकता है, ऐसी स्थिति में विशेष कारण का उल्लेख करना होगा तथा आयकर के मुख्य आयुक्त / महानिदेशक से पूर्व लिखित स्वीकृति लेनी होगी.
वहीं सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई पत्राचार विशेष परिस्थितियों में किया जाता है तो इसे पोर्टल पर जारी करने के 15 दिनों के अंदर अपलोड करना होगा. 14 अगस्त 2019 अधिसूचना के पूर्व जारी किए गए सभी नोटिसों की पहचान की जाएगी और इन्हें इस महीने के अंत तक आईटीबीए पर अपलोड किया जाएगा.
From today, any communication from Income Tax Dept without a computer generated DIN, be it a notice, letter, order & summon or any other correspondence,would be treated as invalid & shall be non est in law or deemed to be as if it has never been issued. https://t.co/AvMfZNuSQ4
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) October 1, 2019