शिवम मिश्रा, रायपुर. राजधानी रायपुर में रहने वाली एक युवती का 11 साल छोटे नाबालिग से अफेयर का मामला सामने आया है। 28 साल की युवती ने 17 साल के लड़के से दोस्ती की फिर दोनों रिलेशनशिप में आ गए। जब युवती ने लड़के से शादी करने की बात रखी तो लड़का पीछे हट गया। इसके बाद युवती ने 50 लाख की डिमांड की और नहीं देने पर थाने में शारीरिक शोषण करने की रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं यह मामला महिला आयोग भी पहुंचा। बुधवार को हुई आयोग की जनसुनवाई में लड़की ने कहा कि उसे लड़के के उम्र के बारे में मालूम नहीं था। महिला आयोग ने इस मामले में सुनवाई से इंकार करते हुए इस मामले को बाल आयोग को सौंपने की बात कही।

जानिए पूरा मामला
रायपुर की 28 साल की युवती ने बुधवार को महिला आयोग में मामले की शिकायत की थी। युवती ने कहा, एक लड़के ने उसका शारीरिक शोषण किया है। शादी करने की बात रखी तो लड़का पीछे हट गया। उसने लड़के से 50 लाख रुपए की मांग भी की थी। वहीं नाबालिग के माता-पिता जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने महिला आयोग के सामने जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और स्कूल दस्तावेज पेश कर यह साबित किया कि उनका बेटा केवल 17 साल का है। इसके बाद महिला आयोग ने इस मामले को बाल आयोग को सौंपने की बात कही है।
महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि लड़की से पूछा गया कि आप 11 साल छोटे लड़के से रिलेशन में कैसे आई पर वह ठीक से जवाब नहीं दे पाई। लड़की ने 50 लाख की डिमांड की और शादी करने की बात भी कही। दस्तावेज के अनुसार लड़के की उम्र 17 साल है। हमने युवती को समझाया, लेकिन वह कहने लगी कि उसका दैहिक शोषण हुआ है। लड़के के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हम दोनों ही काम नहीं कर सकते थे, क्योंकि लड़का नाबालिग है। शादी की कानूनी उम्र 21 वर्ष से वह 4 साल छोटा है इसलिए मामले को बाल संरक्षण आयोग भेजने का फैसला किया। जांच में पता चला कि लड़की के खिलाफ लड़के के माता-पिता ने भी बाल संरक्षण आयोग में केस किया है। मामले का निराकरण वही से किया जाएगा।
पति-पत्नी से जुड़े कई संवेदनशील मामलों का हुआ निराकरण
अन्य अन्य मामले में महिला आयोग ने सुनवाई की। पति-पत्नी पिछले पांच माह से अलग रह रहे हैं। दोनों शिक्षक हैं। दोनों को आयोग ने आदेशित किया कि पति हर सप्ताह बच्चों से पत्नी के घर जाकर मिल सकेगा। वहीं एक अन्य मामले में पति ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली थी। बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए पिता का आधार कार्ड जरूरी था, जिसे वह नहीं दे रहा था। आयोग ने आधार कार्ड से जुड़े विवाद को सुलझाने के लिए समझाइश दी। इसी तरह एक अन्य मामले में पति बच्चों को अपने पास रखे हुए थे और पत्नी को मिलने नहीं देता था। विस्तृत काउंसलिंग के बाद पति ने बच्चों को मां के पास रखने और हर महीने 5 हजार रुपये देने की सहमति जताई। साथ ही बच्चों से मिलने का अधिकार भी सुरक्षित किया गया।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें