दिल्ली हाई कोर्ट(Delhi High Court) ने नगर निगम(MCD) के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को चश्मा उपलब्ध कराने से जुड़ी याचिका पर दिल्ली सरकार और MCD को नोटिस जारी किया है। यह याचिका गैर सरकारी संगठन ‘सोशल जूरिस्ट’ की ओर से दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे दृष्टि संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें मुफ्त चश्मा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले में 19 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर जताई नाराजगी
याचिका में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों के करीब 5% छात्रों को पढ़ाई में मदद के लिए चश्मे की आवश्यकता है, लेकिन फिलहाल उनके लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। हाई कोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान देते हुए टिप्पणी की कि दिल्ली सरकार को अपनी स्कूल स्वास्थ्य योजना पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और बच्चों की जरूरतों को देखते हुए एक नई व मजबूत योजना बनाने की आवश्यकता है।
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सोशल जूरिस्ट की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि बच्चों को निःशुल्क चश्मा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार और एमसीडी को कई प्रतिवेदन (representations) दिए गए, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई। वकील ने दलील दी कि स्कूलों में नियमित स्वास्थ्य जांच से लेकर चश्मा वितरण तक बार-बार देरी होती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है।
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75 हजार छात्र चश्मे के बिना कर रहे हैं पढ़ाई
सोशल जूरिस्ट की ओर से पेश वकील ने अदालत को उदाहरण देते हुए बताया कि प्रेम नगर स्थित जीएसकेवी और जीएसबीवी स्कूलों में 3,000 छात्रों में से 163 छात्रों (करीब 5.4%) को चश्मे की जरूरत है। अनुमान के अनुसार, पूरे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लगभग 75,000 छात्र ऐसे हैं जो चश्मे की जरूरत के बावजूद बिना चश्मे के पढ़ाई कर रहे हैं।
हाई कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को अपनी स्कूल स्वास्थ्य योजना पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और बच्चों की जरूरतों को देखते हुए एक नई और मजबूत योजना बनानी चाहिए, ताकि जरूरतमंद बच्चों तक समय पर चश्मा पहुंचे। अदालत ने दिल्ली सरकार से 19 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई स्थगित की है। अब यह देखना बाकी है कि दिल्ली सरकार आने वाले दिनों में बच्चों के स्वास्थ्य और पढ़ाई को लेकर क्या ठोस कदम उठाती है।
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