मुजफ्फरपुर। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (बीआरएबीयू), मुजफ्फरपुर में कुलपति के खिलाफ छात्रों का आक्रोश दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा है। गुरुवार को संयुक्त छात्र संगठनों के आह्वान पर बड़ी संख्या में छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में धरना दिया और कुलपति व प्रशासन पर कई गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए। छात्र नेताओं ने कहा कि PAT-2023-24 (PG Admission Test) के दौरान पेपर लीक हुआ था, लेकिन दोषी पदाधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने जल्द संज्ञान नहीं लिया तो आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से तेज किया जाएगा।

शुल्क वसूली को लेकर उभरा छात्रों का गुस्सा

छात्रों ने आरोप लगाया कि एससी, एसटी और महिला अभ्यर्थियों से शुल्क नहीं लेने का स्पष्ट सरकारी आदेश है। बिहार सरकार का संकल्प संख्या 1457 (दिनांक: 24 जुलाई 2015) पटना हाईकोर्ट का आदेश (दिनांक: 11 दिसंबर 2020 | CWJC 815/2020) इसके बावजूद, विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कॉलेज लगातार फीस वसूल रहे हैं।

रेगुलर कोर्स को सेल्फ फाइनेंस मोड में चलाने का आरोप

कई कॉलेजों में रेगुलर कोर्स सेल्फ फाइनेंस मोड पर चलाए जा रहे हैं जहां न्यूनतम योग्यता वाले शिक्षक तक नियुक्त नहीं किए जाते छात्राओं को कन्या उत्थान योजना का लाभ भी नहीं मिलता छात्रों ने इन कोर्सों को नियमित (Regularized) किए जाने की मांग की।

5.34 करोड़ के भुगतान पर भ्रष्टाचार का आरोप

छात्र संगठनों का बड़ा आरोप है कि कुलपति ने उत्तर प्रदेश की एक ब्लैकलिस्टेड एजेंसी को 5.34 करोड़ का भुगतान कर दिया। यह भुगतान यूनिवर्सिटी फाइनेंस कमेटी और राजभवन की अनुमति के बिना किया गया। 6 महीने बीतने के बाद भी इस पर कोई अनुमोदन नहीं हुआ है।छात्रों का कहना है कि यह राजकीय कोष से बड़ा गबन है और इसकी राजभवन स्तर पर जांच होनी चाहिए।

आंदोलन की चेतावनी

छात्र नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि प्रशासन और सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो कैंपस से लेकर सड़कों तक संघर्ष किया जाएगा और आंदोलन को तेज किया जाएगा।