रायपुर। सिख समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। जब-जब देश पर किसी भी तरह की बात आई है, सिख समाज हमेशा ही आगे खड़ा नजर आया है। मुगल कालीन इतिहास की बात हो, अंग्रेजी हुकूमत की बात हो, या 1965, 1971 के युद्ध की बात हो, पड़ोसी मुल्क के छद्म युद्ध आक्रमण की बात हो, या कोरोना काल के समय की गई सेवा कार्य की बात देश की आबादी में भले सिख समाज 2% आता हो, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में सिख समाज की भागीदारी सदैव ही 100% रही है।

इस गौरवशाली इतिहास की एक कड़ी सिख धर्म के नवमे गुरु गुरु तेग बहादुर जी हैं, जिन्होंने कश्मीरी पंडितों की गुहार, धर्म की रक्षा की खातिर, तिलक-जनऊ की रक्षा की खातिर आतताई मुगल बादशाह औरंगजेब के धर्म-विरोधी नीतियों का विरोध किया। फलस्वरूप, गुरु तेग बहादुर जी को उनके तीन साथियों भाई सती दास, भाई मति दास, भाई दयाला जी सहित सैकड़ों अनुयायियों के साथ गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया।

दिल्ली के चांदनी चौक पर बंदी बनाकर गुरु तेग बहादुर के सम्मुख सैकड़ों अनुयायियों को शहीद किया गया। भाई सती दास, भाई मति दास और भाई दयाला जी को क्रूरता पूर्वक शहीद किया गया और फिर अंत में आतताई औरंगजेब के आदेश पर श्री गुरु तेग बहादुर जी का शीश धड़ से अलग कर दिया गया। आज दिल्ली में चांदनी चौक में शीश गंज और रकाब गंज गुरुद्वारा इसी याद में शहीद स्थल पर बनाया गया है।

गुरु तेग बहादुर के 350वीं शहीदी शताब्दी दिवस के अवसर पर असम के धुबरी साहिब से यात्रा आरंभ हुई थी, जो सरायपाली बसना होते हुए रायपुर पहुंचेगी। रायपुर में यात्रा का स्वागत छेरी खेड़ी होटल पंजाब बिस्ट्रो के पास किया जाएगा। छेरी खेड़ी के पास भव्य स्वागत द्वार और दो बड़े स्टेज बनाए जा रहे हैं। मुख्य स्टेज पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित मंत्री मंडल के सदस्य गण, विधायक गण, महापौर सहित प्रमुखजन रहेंगे। दूसरे मुख्य स्टेज पर सिख समाज के प्रमुखजन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुखजन उपस्थित रहेंगे।

यात्रा के स्वागत के लिए रायपुर के सभी 18 गुरुद्वारा कमेटी के प्रमुखजन सरायपाली के पास से आगवानी कर लेकर आएंगे। रायपुर राजधानी में यात्रा के आगमन की भव्य स्वागत तैयारियां की गई हैं। लगभग 20 से अधिक स्थानों पर LED स्क्रीन लगाई जा रही हैं, जिसमें गुरु तेग बहादुर जी के इतिहास को दिखाया जाएगा। साथ ही यात्रा के पूरे मार्ग पर साउंड सिस्टम के माध्यम से गुरुवाणी कीर्तन की मधुर वाणी चलती रहेगी।

यात्रा मुख्य रूप से नगर कीर्तन के रूप में वीआईपी चौक राम मंदिर के पास से आरंभ होगी, जहां से खालसाई शान के साथ नगर कीर्तन की शुरुआत होगी। शहीद शताब्दी नगर कीर्तन यात्रा, जो असम के धुबरी साहिब से आरंभ हुई थी, में दो बड़े ट्राला-नुमा बस सहित 20 वाहन शामिल हैं और 200 सेवकों का जत्था, पंज प्यारे और पवित्र ग्रंथ साहिब भी सम्मिलित हैं। एक बड़े ट्राले को कांच वाले पारदर्शी बस में परिवर्तित किया गया है, जिसमें ऐतिहासिक गुरुओं के समय के शस्त्र, जो मुगलों से युद्ध के दौरान प्रयोग किए जाते थे, सम्मिलित हैं।

राजधानी रायपुर में नगर कीर्तन यात्रा के लिए 30 से अधिक स्थानों पर स्टेज बनाए जा रहे हैं, जहां पुष्प वर्षा की जाएगी। साथ ही अन्य समाज, व्यापारिक संगठन और राजनीतिक संगठनों द्वारा भी स्वागत किया जाएगा।

यात्रा रायपुर के प्रमुख मार्गों—तेलीबांधा मरीन ड्राइव, गुरुद्वारा बाबा बुड्डा साहिब, शंकर नगर चौक, गुरु तेग बहादुर उद्यान, घड़ी चौक, शास्त्री चौक, जय स्तंभ चौक, शारदा चौक, फूल चौक, आजाद चौक, आमापारा चौक, राजकुमार कॉलेज, अनुपम गार्डन, साइंस कॉलेज, यूनिवर्सिटी—से होकर महोबाबाजार और टाटीबंध गुरुद्वारे पहुंचेगी। रात्रि विश्राम पश्चात सुबह 21 सितंबर को यह दुर्ग-डोंगरगढ़ मार्ग से गोंदिया (महाराष्ट्र) के लिए रवाना होगी।

यात्रा की आरंभिक तैयारी के लिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग और सिख समाज के प्रमुखजन काफी समय पूर्व से तैयारी में जुटे हैं। यात्रा जिन-जन स्थानों से गुजरेगी, उन स्थानों पर बैठके कर इसे अंतिम रूप दिया गया है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, समाजसेवी बलदेव सिंह भाटिया, जगजीत सिंह खनूजा और जीएस भामरा द्वारा संयुक्त रूप से ली गई पत्रकारवार्ता के माध्यम से यह जानकारी दी गई।