बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए खुशखबरी है. केंद्र ने ‘गंभीर रूप से बाढ़ग्रस्त‘ घोषित करने का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. केंद्र ने पंजाब को “गंभीर रूप से बाढ़ग्रस्त” घोषित करने पर सहमति जताई है. इसके साथ ही केंद्र की सहमति पर 1988 के बाद से आई सबसे भीषण बाढ़ से उबर रहे इस राज्य को मुआवज़े के लिए ज्यादा राशि मिलने की उम्मीद है. केंद्र के फैसले से पंजाब को 595 करोड़ रुपये का 50 साल के लिए सॉफ्ट लोन मिलेगा. इसे स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (एसएएससीआई) के तहत दिया जाएगा. यह धनराशि विशेष रूप से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए निर्धारित की जाएगी.
पंजाब सरकार की इस मांग से पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जितिन प्रसाद ने पठानकोट और गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. दोनों मंत्रियों ने बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन के बाद ही केंद्र ने फैसला लिया. साथ ही राज्य सरकार ने राज्य में निवेश करने के लिए 50 साल की आसान किस्तों पर ऋण की व्यवस्था की गई है.
घर के मालिकों को 3 लाख तक मुआवजा
फसल क्षति के लिए मुआवज़ा तो प्रभावित नहीं होगा, लेकिन बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए घरों के मालिकों को इसका लाभ मिलेगा. एक अधिकारी ने बताया, ‘उदाहरण के लिए, राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के नियमों के तहत, अगर कोई घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है. घर के मालिक को 1.20 लाख रुपये मिलते हैं. अब, मुआवजा 3 लाख रुपये तक हो सकता है.‘ फसल क्षति के लिए, राज्य सरकार ने 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़े की घोषणा की है, जबकि एसडीआरएफ के तहत 6,800 रुपये प्रति एकड़ का प्रावधान है.
राज्य सरकार की बैठक आज
राज्य सरकार शुक्रवार को मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा की अध्यक्षता में एक बैठक करेगी. इसमें यह तय किया जाएगा कि किन मदों में और धनराशि की मांग की जाएगी. सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय इसलिए ज़रूरी है क्योंकि राज्य सरकार को मैचिंग ग्रांट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी. केंद्र और राज्य 75:25 के अनुपात में धनराशि साझा करते हैं.
पंजाब सरकार के अधिकारी ने बताया, ‘…नुकसान का अंतिम ज्ञापन और धन की मांग भी तैयार की जाएगी.‘ उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने पिछले हफ्ते केंद्र को पत्र लिखकर राज्य को गंभीर रूप से बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग की थी. उन्होंने आगे कहा, ‘केंद्र ने अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ से हुई व्यापक तबाही को स्वीकार किया है. बढ़ा हुआ आवंटन और ऋण तत्काल पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा.’

कितना का नुकसान हुआ
7 सितंबर को केंद्रीय आपदा समिति को सौंपे गए अंतरिम ज्ञापन के अनुसार, राज्य ने बाढ़ से संबंधित नुकसान 13,289 करोड़ रुपये आंका था. इसमें जल संसाधन विभाग (5,043 करोड़ रुपये), ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग (5,043 करोड़ रुपये) और स्वास्थ्य विभाग (780 करोड़ रुपये) द्वारा बताए गए 1,520 करोड़ रुपये के नुकसान शामिल हैं. पंजाब मंडी बोर्ड (1,022 करोड़ रुपये), लोक निर्माण विभाग (1,970 करोड़ रुपये), कृषि विभाग (317 करोड़ रुपये), शिक्षा विभाग (542 करोड़ रुपये), बिजली विभाग (103 करोड़ रुपये) और पशुपालन विभाग (103 करोड़ रुपये) सहित अन्य विभागों ने भी नुकसान की सूचना दी है.
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