Chirag Paswan: बिहार विधानसभा चुनाव (2025) से पहले एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी मोलभाव शुरू हो चुका है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने गठबंधन के भीतर अपनी ताकत और दावेदारी को लेकर बड़ा संकेत दिया है। चिराग ने साफ कहा है कि उनके लिए सीटों की संख्या नहीं बल्कि उन सीटों की अहमियत है, जहां वे शत-प्रतिशत जीत दर्ज करवा सकें।
‘दो सीटें कम-ज्यादा मायने नहीं’
चिराग पासवान ने दो टूक कहा कि वे लोकसभा की तरह विधानसभा में भी “100 परसेंट स्ट्राइक रेट” का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि दो सीटें कम-ज्यादा होना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता, लेकिन जिन सीटों पर वे चुनाव लड़ें, वहां जीत तय होनी चाहिए। दरअसल, चिराग लोकसभा चुनाव (2024) का हवाला देकर लगातार यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर उन्हें चुनिंदा सीटें दी जाएं तो वे एनडीए के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं। उस चुनाव में एलजेपी (रामविलास) को पांच सीटें मिली थीं और पांचों पर जीत दर्ज कर चिराग ने अपनी पार्टी की राजनीतिक हैसियत का लोहा मनवाया था।
25 सीट मिलने की संभावना
बिहार की 243 विधानसभा सीटों को लेकर एनडीए के भीतर अब खींचतान तेज़ है। खबरों के मुताबिक शुरुआती फॉर्मूले में जेडीयू को 102 से 103, बीजेपी को 101 से 102, चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 25 से 28, जीतन राम मांझी की पार्टी हम को 6 से 7 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम को 4 से 5 सीटें मिलने का प्रस्ताव है। हालांकि बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात के बाद सियासी अटकलें और तेज हो गई हैं। चिराग पासवान के बयान से साफ है कि वे संख्या से ज्यादा क्वालिटी पर दांव लगा रहे हैं।
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