कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। सिंधिया राजपरिवार संपत्ति विवाद मामले में ग्वालियर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने बड़ा आदेश दिया है।हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी तीनों बुआओं को आपसी सहमति से विवाद सुलझाने का आदेश दिया है। आदेश के पालन के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है। समय सीमा में आदेश का पालन न होने पर हाईकोर्ट याचिका को फिर से बहाल कर सुनवाई शुरू करेगा।

राजीनामा करने पर तीनों बुआ सहमत

दरअसल लगभग 40 हजार करोड़ कीमत प्रॉपर्टी का मुकदमा डेढ़ दशक से बुआ वसुंधरा राजे यशोधरा राजे और उषा राजे के साथ हाईकोर्ट में चल रहा हैं, लेकिन अब केंद्रीय मंत्री और सिंधिया राजपरिवार के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया से राजीनामा करने पर तीनों बुआ सहमत हो गयी है। तीनों बुआ के अधिवक्ताओं ने सहमति से विवाद खत्म करने की अर्जी हाईकोर्ट में लगाई, तीनों की ओर से सिविल रिवीजन भी वापस ली गयी। ऐसे मे कोर्ट ने सहमति से समाधान करने 90 दिन का समय दिया है। हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि तय समय सीमा में समझौता नहीं हुआ तो याचिका फिर से बहाल कर दी जाएगी।

वाराणसी में सिंधिया घाट और गोवा में विठोबा मंदिर सहित अन्य संपत्तियां

बता दें कि 40 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी में कई पैलेस शामिल हैं, सिंधिया परिवार के पास सबसे बड़ी संपत्ति 12.40 लाख वर्गफीट में बना जयविलास पैलेस है, जिसकी अकेले की कीमत 10 हजार करोड़ है। इसमें 400 कमरे हैं। 1874 में बने इस पैलेस की उस समय लागत 99 लाख रुपए थी। आजादी के समय सिंधिया परिवार के पास 100 से अधिक कंपनियों में शेयर थे। ग्वालियर में जय विलास पैलेस परिसर, शिवपुरी में माधव विलास पैलेस, हैप्पी विलास और जॉर्ज कैसल जैसी संपत्तियां हैं। उज्जैन में कालियादेह पैलेस भी है। दिल्ली में ग्वालियर हाउस, राजपुर रोड पर एक प्लॉट और सिंधिया विला है। पुणे में पद्म विलास पैलेस, वाराणसी में सिंधिया घाट और गोवा में विठोबा मंदिर सहित अन्य संपत्तियां भी हैं।

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