पटना। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने जन सुराज पार्टी और इसके संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बिहार में पहले नटवरलाल जैसी ठगी होती थी लेकिन अब प्रशांत किशोर उससे भी बड़े ठग साबित हो रहे हैं। उनके अनुसार पीके अब बिहार के बुद्धिजीवियों को ठगने का काम कर रहे हैं।

14 करोड़ का चंदा और खर्चों की गड़बड़ी

जायसवाल ने दावा किया कि पीके ने आंध्र प्रदेश के एक सांसद से 14 करोड़ रुपए का चंदा लिया, लेकिन यह राशि घाटे में डूबी एक कंपनी से क्यों जुटाई गई, इसका जवाब नहीं मिला। उन्होंने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जन सुराज पार्टी के ऑडिट रिपोर्ट को साझा करते हुए कहा कि 2023-24 में पार्टी ने केवल 35 हजार रुपए खर्च दिखाए हैं। जबकि पार्टी की गतिविधियों में सैकड़ों गाड़ियां, फाइव स्टार टेंट, भोजन और हर जिले में कर्मचारियों की नियुक्ति हुई।

अध्यक्ष पद में अचानक बदलाव

संजय जायसवाल ने पार्टी में अध्यक्ष पद परिवर्तन पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि 17 सितंबर 2024 तक अध्यक्ष सरत कुमार मिश्रा और कोषाध्यक्ष अजीत सिंह थे। लेकिन 2 अक्टूबर 2024 को गांधी मैदान में पार्टी के गठन की घोषणा करते हुए उदय सिंह को अध्यक्ष बना दिया गया। उन्होंने पूछा कि केवल 15 दिनों में ऐसा कैसे संभव हुआ।

पीके पर पत्रकारों को धमकाने का आरोप

संजय जायसवाल ने कहा कि जब उनके उठाए गए सवालों में से किसी एक को पत्रकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा, तो पीके समर्थकों की तरफ से पत्रकारों को धमकियां मिलने लगीं। उन्होंने मीडिया से अपील की कि वे जन सुराज पार्टी के दस्तावेजों की खुद जांच करें।

करोड़पति बनने का फॉर्मूला

भाजपा सांसद ने व्यंग्य करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर यदि करोड़पति बनने का फॉर्मूला बिहार के युवाओं को देते तो यही सबसे बड़ा बदलाव यात्रा साबित होती। उन्होंने दावा किया कि ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने में मीडिया और यूट्यूबर चूक गए, जबकि उन्हें इसे खोजने में महज 10 सेकंड लगे।

पीके का पलटवार

प्रशांत किशोर ने संजय जायसवाल को छुटभैया नेता कहा और उनके पेट्रोल पंप विवाद का हवाला देते हुए आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 2015 में जेडीयू जिलाध्यक्ष एनएन शाही ने उन्हें सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई थी। इसके अलावा उन्होंने बेतिया की महापौर गरिमा देवी सिकारिया के पत्र का जिक्र किया, जिसमें सरकारी भुगतान और ईंधन वितरण पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया था। प्रशांत किशोर ने कल प्रेस वार्ता कर संजय जायसवाल को औकात में रहने की बात कही थी।

राजनीतिक लड़ाई तेज

संजय जायसवाल और प्रशांत किशोर के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने बिहार की चुनावी राजनीति में तूल पकड़ लिया है। इस मामले ने सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस दोनों को विवाद का केंद्र बना दिया है।