प्राकृतिक आपदाओं में राज्य को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए भारत सरकार से स्पेशल पैकेज प्राप्त किए जाने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने कवायद तेज कर दी गई है. बुधवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से इस वर्ष मानसून सीजन में राज्य को हुई क्षति के वास्तविक आकलन के लिए पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड्स एसेसमेंट) की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में शनिवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीडीएनए और एसडीआरएफ मद में आच्छादित और अनाच्छादित क्षति का विवरण उपलब्ध कराने पर चर्चा हुई. एसडीआरएफ के नए मानकों की जानकारी देते हुए सूचनाएं प्रेषित करने के लिए प्रारूप की भी जानकारी दी गई.

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आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल्द से जल्द पीडीएनए की प्रक्रिया कराते हुए भारत सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं. सभी विभागों को यह बताना अनिवार्य है क्षतिग्रस्त योजना के लिए एसडीआरएफ मद में कितनी धनराशि की प्रतिपूर्ति की जा सकती है. जिस धनराशि की प्रतिपूर्ति एसडीआरएफ मद में नहीं की जा सकेगी, उसके लिए भारत सरकार से स्पेशल पैकेज के तहत अनुरोध किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोला जाए. इसमें किसी भी प्रकार की देरी न हो. सड़कों के पैचवर्क का कार्य भी बारिश बंद होने के तत्काल बाद शुरू करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. साथ ही बिजली और पानी की क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत भी शीघ्र करने को कहा है.

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने यह भी बताया कि बुधवार से पीडीएनए के लिए भारत सरकार की टीम उत्तराखण्ड पहुंच रही है. पीडीएनए के लिए चार टीमें बनाई गई हैं, जो सभी जनपदों में जाकर क्षति का वास्तविक आकलन करेंगी. जनपद स्तर पर टीम को जिलाधिकारी लीड करेंगे. एचओडी नोडल अधिकारी के रूप में योगदान करेंगे. उन्होंने कहा कि आपदा के कारण तीर्थाटन और पर्यटन से जुड़े लोगों के रोजगार व आजीविका को गहरा आघात लगा है. होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालक, ड्राइवर, क्लीनर, टैक्सी संचालक, तीर्थ पुरोहित, किसान, फल-फूल विक्रेता, टूरिस्ट गाइड आदि व्यवसायों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से व्यापक नुकसान हुआ है. सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि इसका भी आकलन कर पीडीएनए में शामिल किया जाए.

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मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन और पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करने के लिए सभी विभागाध्यक्षों को अगले सप्ताह से फील्ड विजिट करने के निर्देश दिए हैं. पहले हफ्ते विभागाध्यक्ष स्वयं जाएंगे और दो दिन जनपद में ही रुकेंगे. दूसरे हफ्ते एचओडी के बाद द्वितीय वरिष्ठ अधिकारी और तीसरे हफ्ते तृतीय वरिष्ठ अधिकारी फील्ड विजिट करेंगे. सभी विभागाध्यक्ष जनपदों में जिलाधिकारियों से भी मुलाकात कर विभागीय कार्यों को गति देने के लिए समन्वय स्थापित करेंगे.