वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रविवार 21 सितंबर को होने वाली सिविल जज भर्ती परीक्षा के लिए दुर्गेश नंदिनी नामक छात्रा को प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) जारी करने का आदेश दिया है। यह आदेश हाईकोर्ट ने आज शनिवार को छुट्टी के दिन होने बावजूद तत्काल सुनवाई करते हुए दिया, जिससे छात्रा को परीक्षा से वंचित होने से बचाया जा सका।

दुर्गेश नंदिनी रायपुर की निवासी हैं और वर्तमान में रायपुर न्यायालय में सहायक लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने सिविल जज भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था, लेकिन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) ने उनका प्रवेश पत्र इस आधार पर नहीं जारी किया कि उनका नाम छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में दर्ज नहीं है।
छात्रा ने इस मामले में अधिवक्ता आर.एस. पटेल और आशीष साहू के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। याचिका में तर्क दिया गया कि नियमों के कारण किसी योग्य अभ्यर्थी को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता।
मामले की गंभीरता और तात्कालिकता को देखते हुए जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने शनिवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के उर्वशी कौर एवं अन्य मामलों के आदेशों का हवाला देते हुए CGPSC को निर्देश दिया कि छात्रा दुर्गेश नंदिनी को प्रवेश पत्र बिना किसी विलंब के जारी किया जाए। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि परीक्षा में भाग लेने से किसी भी योग्य अभ्यर्थी को रोकना नियमों के अनुरूप नहीं है और भर्ती प्रक्रिया में न्यायसंगत अवसर प्रदान करना आयोग की जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट इस आदेश के बाद दुर्गेश नंदिनी रविवार को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हो सकेंगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह फैसला अन्य अभ्यर्थियों के लिए भी मार्गदर्शक साबित हो सकता है, जो किसी तकनीकी या प्रशासनिक कारण से परीक्षा से वंचित होने की स्थिति में हों।
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