Rajasthan News: मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। अब मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की एंट्री हो गई है। नाथद्वारा से विधायक और राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि कोई कुलपति इस तरह का बयान दे सकता है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मेवाड़ के इतिहास को बार-बार विवादित तरीके से पेश किया जा रहा है, इसे अब रोकना होगा।

बयान पर भड़का विवाद
दरअसल, प्रो. सुनीता मिश्रा ने एक कार्यक्रम में मुगल बादशाह औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताया था और महाराणा प्रताप व अकबर को समकक्ष राजा करार दिया था। इस टिप्पणी को छात्रों और संगठनों ने मेवाड़ और भारतीय इतिहास का अपमान बताया। ABVP और NSUI समेत कई छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया।
छात्रों ने किया ऑफिस का घेराव
17 सितंबर को बड़ी संख्या में छात्र वीसी ऑफिस के बाहर जुट गए। गेट पर ताला जड़ दिया, बिजली काट दी और शाम से रात तक वीसी को दफ्तर के भीतर ही बंद रखा। छात्रों ने उनकी बर्खास्तगी तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। विवाद बढ़ने पर प्रो. मिश्रा ने माफी भी मांगी।
गहलोत ने तुड़वाया अनशन
इस बीच, 20 सितंबर की रात पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया। गहलोत ने छात्रों से शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताने की अपील की।
विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि उदयपुर को ऐसा कुलपति बर्दाश्त नहीं। उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालय में अब और विवादित बयान देने वाले जिम्मेदारों को जगह नहीं मिलनी चाहिए।
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