पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राजद (RJD) की हालिया रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का मामला तूल पकड़ चुका है। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। जहां बीजेपी और उसके सहयोगी दल इसे लोकतंत्र और बिहार की अस्मिता पर हमला बता रहे हैं वहीं राजद नेताओं का कहना है कि यह पूरा विवाद एक एडिटेड वीडियो पर आधारित है जिसे भाजपा जानबूझकर प्रचारित कर रही है। उधर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस घटनाक्रम को RJD के चरित्र से जोड़ते हुए तीखा हमला बोला है। इस विवाद ने बिहार की राजनीति में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल और तेज कर दी है।
भाजपा मुद्दों से भाग रही है
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गाली-गलौज की भाषा बिहार की संस्कृति का हिस्सा नहीं है और यह RJD के चरित्र में भी शामिल नहीं है। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में हार का डर देखकर भाजपा बौखला गई है। उन्होंने कहा तेजस्वी यादव की अधिकार यात्रा में उमड़ रही भीड़ और जनता के सवालों का जवाब भाजपा के पास नहीं है। इसी वजह से वे प्रधानमंत्री की मां को लेकर अपशब्द कहने वाला एक एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। भाजपा इस झूठे वीडियो को मुद्दा बना रही है जिससे उनकी मानसिकता की गिरावट साफ दिखती है।
प्रशांत किशोर का हमला
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस मामले को एक बड़े सियासी परिप्रेक्ष्य में रखकर कहा कि राजद का असली चरित्र नहीं बदला है। उन्होंने याद दिलाया कि लालू प्रसाद यादव के दौर में भी पार्टी पर जंगल राज का आरोप लगता था और वही नेता आज भी राजद का हिस्सा हैं।
RJD का चरित्र नहीं बदल सकता
प्रशांत किशोर ने कहा मैं बार-बार कहता हूं कि तेजस्वी यादव और RJD का चरित्र नहीं बदल सकता। लोग कहते हैं कि मैं क्यों तेजस्वी को दोष देता हूं? क्योंकि वे लालू यादव की परंपरा के नेता हैं। उस दौर में जिन नेताओं को जंगलराज के लिए दोषी ठहराया गया था उन्हें पार्टी से निकाला गया क्या? आज भी वे सब राजद में ही हैं। यही पार्टी का असली चरित्र है। उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा कि यह पूरा विवाद चुनावी मौसम का फिक्स मैच है। उनके अनुसार जनता इस मुद्दे में उलझ जाएगी लेकिन कोई यह सवाल नहीं पूछेगा कि महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में बिहारी नौजवानों को अपमानित होने से कैसे रोका जाएगा।
हताश लोग गंदे शब्दों का सहारा लेते हैं
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस टिप्पणी को बेहद निंदनीय बताया। उन्होंने कहा जो व्यक्ति हताश और निराश हो जाता है वह गंदे शब्दों और गंदे कृत्यों का सहारा लेता है। सिर्फ सुर्खियों में आने के लिए ऐसे लोग अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं। यह बेहद शर्मनाक है और हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की जनता चुनाव में इसका करारा जवाब देगी।
बिहार की अस्मिता शर्मसार
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने इस मुद्दे को लेकर और भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रधानमंत्री का अपमान नहीं बल्कि बिहार के लोकतंत्र और अस्मिता पर भी हमला है।
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