रायपुर। आम्रपाली स्थित श्री अभिनंदन स्वामी मंदिर परिसर में गतिमान रविवारीय अध्यात्म शाला का समापन समारोह 21 सितंबर 2025 को आयोजित किया गया। इस अवसर पर बच्चों और उनके पालकों को बोधित करते हुए मुनिराज शोभनतिलक विजय ने बच्चों में संस्कारों का महत्व समझाया।

मुनिराज ने कहा कि बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण करने का प्रथम उत्तरदायित्व पालकों का होता है, गुरु तो उन्हें सिंचित कर विकास में सहायक निमित्त मात्र होता है। वर्तमान समय में पालकों की विशेष समस्या रहती है कि बच्चे संस्कारित व आज्ञाकारी नहीं हैं, जबकि हकीकत यह है कि हमारे पास हमारे बच्चों के लिए समय ही नहीं है। पालक, जिन्हें इनके सिंचन की जवाबदेही है, वह धन अर्जन व अन्य भौतिक सुख-सुविधाओं के संग्रहण में व्यस्त हैं और मान रहे हैं कि हम अपने पाल्य को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करा कर अपना कर्तव्य निर्वहन कर रहे हैं।

मुनिराज ने आगे फ़रमाया कि बच्चे जो देखते हैं वही सिखते हैं या उनका अनुसरण करने लगते हैं। समापन समारोह में उपस्थित पालकों ने मुनिराज की सन्निधि में उपस्थित सभी के समक्ष अपने अनुभव व बच्चों में अध्यात्म शाला के माध्यम से आए परिवर्तन के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त की। अध्यात्म शाला समापन समारोह अंत में सहयोगियों का बहुमान कर स्वादिष्ट स्वल्पाहार कराया गया।

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