दुर्ग। मृत पशुओं के बीमे की राशि नहीं देने के चार मामलों में जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस पर तकरीबन पौने दो लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही फोरम ने बीमा कंपनी को 30 दिन के भीतर हर्जाना की राशि ब्याज सहित देने का आदेश दिया है.

नेशनल इंश्योरेंस ने परिवादी सुभाषिनी ताम्रकार और सुरेखा ताम्रकार को मृत पशुओं की बीमा क्लेम की राशि देने से इंकार करते हुए  पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोटोग्राफ्स नहीं देने का कारण बताते हुए दो मामले में क्लेम देने से सीधे तौर पर इंकार कर दिया था. वहीं दो अन्य मामले में शिकायतकर्ताओं को आंशिक राशि का भुगतान देकर बाकी राशि देने से इंकार कर दिया. मामले में दोनों परिवादियों ने दुर्ग उपभोक्ता फोरम में परिवाद दाखिल किया.

मामले में बीमा कंपनी ने अपना जवाब प्रस्तुत हुए कहा कि परिवादी द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी एवं मृत गाय की फोटो नहीं दिए जाने के कारण दो मामलों में नॉनस्टैंडर्ड क्लेम के तहत 75 प्रतिशत राशि भुगतान किया गया तथा दो मामलों में राशि भुगतान नहीं की गई. प्रकरण में पेश दस्तावेजों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने अनावेदक बीमा कंपनी के बचाव को स्वीकार योग्य नहीं माना और अनावेदक बीमा कंपनी को दावा भुगतान नहीं करने के लिए सेवा में निम्नता का जिम्मेदार ठहराते हुए चारों मामले में कुल रु. 176500 हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही हर्जाना की राशि को ब्याज सहित 30 दिन में देने का आदेश दिया है.