हेमंत शर्मा, इंदौर। यह किसी फिल्म की कहानी जैसी लगती है। एक ऐसा चोर, जो मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता, घरों के बाहर लगे सीसीटीवी से रेकी करता। वारदात के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट से गायब हो जाता और पुलिस के आते ही फरार हो जाता था। तीन महीने तक इंदौर पुलिस उसकी परछाई ढूंढती रही। 872 से ज्यादा कैमरों की फुटेज खंगाली गई, लेकिन आरोपी हर बार पुलिस को चकमा देता रहा। आखिरकार विजय नगर पुलिस ने इस शातिर चोर को पकड़ ही लिया और उसके पास से करीब 90 लाख रुपये का माल बरामद किया।

95 लाख का माल लेकर रफूचक्कर हो गया

जून 2025 की बात है, जब फरियादी पीयूष ग्रोवर के घर में बड़ी चोरी हुई। चोर करीब 95 लाख रुपये का माल लेकर रफूचक्कर हो गया। सोने-चांदी के गहने और नगदी लेकर आरोपी ऐसे गायब हुआ, जैसे हवा में उड़ गया हो। घटना के बाद इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने टीम को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी हाल में आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ना है। इसके बाद शुरू हुई एक थ्रिलर जैसी जांच। पुलिस टीम ने रात-दिन मिलाकर करीब 872 सीसीटीवी फुटेज खंगाले।

वह किसी को साथ नहीं रखता था

एक-एक फ्रेम को ध्यान से देखा गया। आखिरकार सामने आया कि इस वारदात के पीछे कोई गिरोह नहीं बल्कि अकेला शख्स है। और यही उसका सबसे बड़ा हथियार भी था, क्योंकि वह किसी को साथ नहीं रखता था। आरोपी की पहचान हुई विजेंद्र उर्फ बंटू उर्फ सुरेश, उम्र 40 साल। हरियाणा का रहने वाला, लेकिन फिलहाल महाराष्ट्र के अमरावती में रह रहा था। पुलिस ने साइबर सेल और मुखबिरों की मदद ली। महीनों की मेहनत के बाद उसे दबोचने के लिए जाल बिछाया गया और आखिरकार इंदौर पुलिस की टीम ने उसे अमरावती से गिरफ्तार कर लिया।

चोरी के बाद बस या ट्रेन पकड़कर निकल जाता

गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने खुद पुलिस से कहा-“मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि आप मुझे पकड़ लेंगे।” यह सुनकर टीम को भी एहसास हुआ कि उनकी तीन महीने की मेहनत रंग लाई। विजेंद्र इतना शातिर था कि वह मोबाइल नहीं रखता। उसका कहना था कि मोबाइल रखने से पुलिस जल्दी पकड़ लेती है। वह चोरी करने से पहले घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे देखता, फिर मौका देखकर वारदात करता। चोरी के बाद बस या ट्रेन पकड़कर किसी और शहर निकल जाता। होटलों में नहीं रुकता, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करता।

राजस्थान और हरियाणा समेत कई जगह की चोरी

पूछताछ में उसने कबूल किया कि इंदौर ही नहीं बल्कि भोपाल, आगर-मालवा, राजस्थान और हरियाणा समेत कई जगह उसने चोरी की वारदातें की हैं। उसके खिलाफ अब तक 31 मामले दर्ज हो हैं।जयपुर में उसके खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी का केस भी दर्ज है। वह कई बार राजस्थान और हरियाणा की जेलों में बंद रह चुका है। विजय नगर पुलिस ने उसके पास से 550 ग्राम सोना, 50 हजार नकद, चोरी के पैसों से खरीदी गई दो कारें, एक एक्सेंट और एक ग्लैंजा बरामद कीं। कुल मिलाकर करीब 90 लाख का माल जब्त हुआ।

चोरी एक पेशा नहीं बल्कि शौक

विजेंद्र चोरी सिर्फ पैसों के लिए नहीं बल्कि उसे ऐय्याशी का शौक था। चोरी के पैसों से वह शराब पीता, अफीम खरीदता, महंगी कारें चलाता और युवतियों से दोस्ती करता। चोरी एक पेशा नहीं बल्कि शौक था। इंदौर पुलिस की यह कार्रवाई किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती। महीनों की मेहनत, लगातार जांच, डिजिटल एविडेंस का इस्तेमाल और अंत में उस शातिर चोर का पकड़ा जाना, यह सब एक क्राइम थ्रिलर की कहानी की तरह है। यह कहानी असली और इसका हीरो इंदौर पुलिस है। जिसने इस चोर को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

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