इस साल जून के महीने में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए भीषण विमान हादसे में सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय और जांच एजेंसियों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, और शीघ्र जांच सुनिश्चित करने के सीमित उद्देश्य के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में कई अहम जानकारियों को छिपाया गया है। एअर इंडिया प्लेन क्रैश की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सिविल एविएशन मंत्रालय,डीजी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ,और DGCA को नोटिस जारी कर मांगा जवाब मांगा है।

लाइव लॉ के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्व सिंह की बेंच ने मामले पर सुनवाई की। सर्वोच्च न्यायालय ने AAIB की प्राथमिक जांच को ‘गैरजिम्मेदाराना’ करार दिया है। इस रिपोर्ट में प्लेन क्रैश की वजह साफ न करते हुए पायलट की चूक का अंदेशा जताया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए नाराजगी जाहिर की है।

AAIB रिपोर्ट पर जताई नाराजगी

सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए दावा किया है कि एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। याचिका में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए गए हैं।

बता दें कि AAIB ने अपनी रिपोर्ट में ‘फ्यूल कटऑफ’ होने की वजह से प्लेन क्रैश होने का अंदेशा जताया था। याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा, “एअर इंडिया के विमान बोइंग ड्रीमलाइनर 171 की कमान अनुभवी पायलट्स के हाथ में थी। इस हादसे को 100 दिन पूरे हो चुके हैं। अभी तक सिर्फ प्राथमिक रिपोर्ट ही रिलीज की गई है। इस रिपोर्ट में भी प्लेन क्रैश की वजह साफ नहीं है। इससे साफ है कि बोइंग में सफर करने वाले सभी यात्रियों की जान खतरे में है।”

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