हरिश्चंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। खंडवा-इंदौर-इच्छापुर हाईवे और बड़वाह-महेश्वर मार्ग पर सड़कों की बदहाली अब सीधे लोगों की जान ले रही है। सोमवार को शिवम यादव (27) की दर्दनाक मौत ने इस हकीकत को फिर से सामने ला दिया। खरगोन जिले के बड़वाह महेश्वर रोड पर बने गहरे गड्ढों में बाइक फिसली और पीछे से आ रहे आयशर वाहन ने उसकी जिंदगी खत्म कर दी।

जानकारी के मुताबिक, आयशर सीधा शिवम यादव के ऊपर से निकल गया उसे देखकर लोगों में आक्रोश फूड पड़ा। उन्होंने सबसे पहले बड़वाह महेश्वर रोड पर जाम लगाया जब कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा तो उन्होंने इंदौर खंडवा इच्छापुर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। इस कारण सड़क के दोनों यातायात जाम हो गया। आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुतला तक फूंक डाला। जब पुलिस और स्थानिक प्रशासन पहुंचा तो लोगों का आक्रोश उन पर भी फूट पड़ा।

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मौत का हाईवे- रोज 40 हजार वाहन, सड़कें कब्रगाह

खंडवा-इंदौर-इच्छापुर हाईवे और बड़वाह-महेश्वर मार्ग से प्रतिदिन करीब 40 हजार वाहन गुजरते हैं। यह मार्ग मालवाहन और आम यात्रियों दोनों के लिए बेहद अहम है। लेकिन सड़कों की हालत इतनी खराब है कि यहां हर रोज हादसे हो रहे हैं। गड्ढों से भरी इन सड़कों पर सफर करना मानो मौत को दावत देने जैसा हो गया है।

प्रशासनिक लापरवाही और विभागीय उदासीनता

एमपीआरडीसी एनएचएआई नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया विभाग की जिम्मेदारी सड़क की देखरेख की है, लेकिन वर्षों से न तो मरम्मत हुई और न ही चौड़ीकरण की कोई ठोस योजना पर काम हुआ। हालात यह हैं कि जनता रोज़ सड़क पर जान जोखिम में डाल रही है, लेकिन जिम्मेदार सिर्फ कागजों में आश्वासन देकर चुप हो जाते हैं। लोगों ने कहा कि जिस सड़क मार्ग से रोज़ 40 हजार वाहन सड़कों से गुजरते हैं, वहां गड्ढों के प्रत्येक दिन लोग अपनी जान दे रहे हैं। अभी तो स्थानीय नेताओं और प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद लोगों ने चक्काजाम खोल दिया, लेकिन लोगों में काफी आक्रोश है।

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जनआक्रोश का संदेश

बड़वाह-महेश्वर मार्ग और खंडवा-इंदौर-इच्छापुर हाईवे की दुर्दशा को लेकर जनता का गुस्सा साफ दिखा। यदि जल्द ही सड़क सुधार और गड्ढों की मरम्मत नहीं की गई तो यह आक्रोश और भड़क सकता है। यह सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की नाकामी का सबूत है।

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