रायपुर। छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा विभाग की “अतिथि व्याख्याता नीति-2024” में स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता न देने को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने नीति में संशोधन की मांग की है। हाल ही में सरगुजा संभाग में 34 पदों पर नियुक्तियों में 15 पद अन्य राज्यों के निवासियों को दिए जाने से स्थानीय युवाओं में नाराजगी है। डॉ. महंत ने सरकार से नीति में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही पात्रता देने की मांग की है।

डॉ चरणदास ने पत्र में लिखा है कि उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा 20 जून 2024 से “अतिथि व्याख्याता नीति-2024” लागू की गई है। इस नीति में छत्तीसगढ़ियों की घोर उपेक्षा करते हुए, अभ्यर्थियों की पात्रता के मापदण्डों में ऐसे प्रावधान नहीं किये गये है, कि छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक हो, इसमें छत्तीसगढ़ के बाहर के निवासियों को भी पात्र माना गया है। जो उचित नहीं है।
उन्होंने तर्क दिया कि मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार अतिथि विद्वानों के पदों के लिए मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
चरणदास ने लिखा कि हाल ही में सरगुजा संभाग के महाविद्यालयों में 34 पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, इसमें से 15 पदों पर अन्य राज्य के निवासी तथा 19 पदों पर छत्तीसगढ़ के मूल निवासी चयनित हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि उच्च शिक्षा विभाग की “अतिथि व्याख्याता नीति-2024” छत्तीसगढ़ियों के हितों के विरूद्ध है।
उन्होंने सरकार ने अनुरोध किया है कि उक्त नीति में तत्काल संशोधन किया जाए। साथ ही मध्य प्रदेश की भांति ही छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही पात्र माना है, ऐसे प्रावधान किये जाएं।

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