CG High Court News: बिलासपुर. खेत और आंगनबाड़ी में करंट लगने से 2 बच्चों की मौत के मामले में बिजली विभाग ने एक बच्चे के परिजन को 4 लाख और दूसरे मामले में 1 लाख रुपए मुआवजा दिया है. सोमवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से यह जानकारी दी गई. कोर्ट ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े उपाय करने के राज्य शासन को निर्देश दिए.


मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा शनिवार को अवकाश के दिन संज्ञान लेकर सुनवाई की थी. कोर्ट ने मुख्य सचिव अमिताभजैन को नोटिस जारी किया था. लापरवाही मानते हुए कोर्ट ने कहा कि, केवल कर्मचारियों को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है. भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कार्ययोजना और नीति बनाई जाए. सोमवार को शासन की ओर से बताया गया कि, खेत में मौत पर चार लाख और आंगनबाड़ी में हुई मौत पर परिजन को 1 लाख रुपए मुआवजा दिया गया है.
पहली घटना गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की है, जहां करगीकला गांव में 6 साल के बच्चे की खेत के पास खेलते हुए करंट लगने से मौत हो गई थी. दूसरी घटना कोंडागांव जिले की है, जहां आंगनबाड़ी में करंट की चपेट में आने से ढाई साल की बच्ची महेश्वरी यादव की जान चली गई थी. मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजे के निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य में खेतों में बाड़ पर बिजली का करंट लगाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे इनसान के अलावा पशु और वन्यजीवों की मौत हो रही हैं, बरसात के मौसम में यह और भी खतरनाक हो जाता है. पानी भरने से पूरा इलाका करंट की चपेट में आ सकता है.