देवजीत देवनाथ, पखांजूर। ग्राम पंचायत विकासपल्ली के ग्रामीणों ने सरपंच के साथ-साथ सचिव पर विकास कार्यों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. सड़क सुधार, बोर खनन और भवन निर्माण के नाम पर राशि आहरण करने के बावजूद जमीन पर काम नहीं नजर आने की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जनपद सीईओ ने सचिव को कारण बताओ नोटिस थमाया है.
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ग्रामीण सुकन मंडल संतोष साना संजू गाइन का कहना है कि पिछले 2 वर्षों के अंदर कोई बोर खनन नहीं करवाया गया, जबकि सचिव ने 2 महीने पहले 1,26000 और 12,320 रुपया बोर खनन के नाम पर अहरण किया. वहीं सुचित्रा हालदार के घर के पास मोटर पंप स्थापना के नाम पर 29 हजार 9 सौ 90 रुपया का फर्जी बिल अहरण किया गया.

ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच-सचिव मिलकर पूरे पंचायत में भ्रष्टाचार कर रहे हैं. बोर खनन, सड़क सुधार और भवन निर्माण जैसी योजनाओं पर बजट स्वीकृत हुआ, लेकिन गांव में न तो नया बोर खुदा, न सड़क सुधरी और न ही भवन निर्माण दिखाई दिया. हालात यह हैं कि आज भी ग्रामीण जर्जर और कीचड़ से भरी सड़कों पर आवागमन कर रहे हैं, और बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.
आरोप यह भी है कि सचिव ने पुराने बोरवेल को ही नया दिखाकर बोर खनन के नाम पर फर्जी ढंग से राशि निकाल ली. ग्रामीणों का कहना है कि यदि आवंटित राशि सही तरीके से खर्च होती, तो गांव की मूलभूत समस्याएं काफी हद तक हल हो सकती थीं. इस मामले को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जनपद पंचायत और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है.

क्या कहते हैं सचिव
ग्रामीणों के आरोप पर विकासपल्ली सचिव कानू लाल बैध का कहना है कि बोर खनन का पैसा उठाकर पुराना भुगतान किया गया और भवन की राशि दो लाख निकालकर बांदे क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य के कहने पर एजेंसी के खाते में डाला गया है.
सफाई के लिए दिया तीन दिन का समय
जनपद सीईओ पखांजूर जब के संज्ञान में आया तो तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसमें 3 दिवस की समय सीमा दी गई है. नोटिस में साफ तौर पर बताया गया संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनत्मक कार्रवाई की भी बात कही गई हैं.
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