गुजरात में सूरत के सिविल हॉस्पिटल में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम की फोटो की पूजा-आरती करने का मामला सामने आया है। यह पूजा-अर्चना कल यानी की सोमवार की देर शाम हुई। जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा हैं। ख़ास बात ये रही की इतने गंभीर अपराध में सजायाफ्ता इस ढोंगी बाबा की इस पूजा आरती में हॉस्पिटल के डॉक्टर समेत नर्स और सुरक्षाकर्मी भी शामिल हुए। जानकारी के मुताबिक, सूरत के नए सिविल अस्पताल में सोमवार को आसाराम समर्थकों एक समूह ने मेन गेट पर आसाराम की एक फोटो रखकर पूजा-आरती का आयोजन किया था। आरती के दौरान मंत्रोच्चार और भजन हुए। वहीं, आरती में शिशु रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ. जिगिशा पटाडिया, नर्स और सुरक्षाकर्मी भी शामिल हुए।
हॉस्पिटल के अधीक्षक ने झाड़ा पल्ला
मौजूद लोगों ने वीडियो बनाए आसाराम की इस पूजा-आरती के वीडियो अस्पताल के स्टाफ और मरीजों ने भी रिकॉर्ड किए। इस बारे में जब हॉस्पिटल की अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं शहर से बाहर हूं। इसलिए मुझे इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं।
फल वितरण की अनुमति मांगी थी
आरएमओ सूरत सिविल आरएमओ डॉ. केतन नायक ने कहा कि सोमवार की दोपहर एक कर्मचारी ने मुझसे कहा था कि कुछ लोग हॉस्पिटल में फल वितरण की अनुमति मांग रहे हैं। मैंने मौखिक रूप से इसकी अनुमति दे दी थी। लेकिन मुझे देर शाम आसाराम की फोटो की पूजा-आरती की सूचना मिली तो मैंने अपने सहयोगी डॉ. भरत पटेल को व्यक्तिगत रूप से वहां भेजकर सारी गतिविधियां बंद करवा दी थीं।
इसके साथ ही सुरक्षा गार्ड को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। सभी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी घटना दोबारा न हो और निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई हॉस्पिटल में कुछ वितरण करने भी आता है तो उसकी लिखित अनुमति ली जाए। जिससे कि भविष्य में इस तरह की गतिविधियां दोबारा न हों।
नाबालिग से रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा
आसाराम और उसके परिवार की ‘काली करतूतें’ दुनिया के सामने 2013 में आईं। उस समय आसाराम पर नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा। लड़की के माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी छिंदवाड़ा के गुरुकुल में रहती थी। एक दिन उनके पास फोन आया कि बेटी की तबीयत खराब है, उस पर भूत-प्रेत का साया है और अब आसाराम ही उसे ठीक कर सकते हैं।
लड़की के माता-पिता उसे लेकर जोधपुर स्थित आश्रम पहुंचे। आरोप लगा कि 16 साल की उनकी बेटी को आसाराम ने कुटिया में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। 15 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ केस दर्ज किया गया। 31 अगस्त को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया गया।
फिर दो बहनों ने लगाया दुष्कर्म का आरोप
नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का मामला सामने आने के कुछ ही महीनों बाद दो बहनों ने भी केस दर्ज करवाया। एक बहन ने आसाराम पर तो दूसरी ने नारायण साईं के खिलाफ केस दर्ज करवाया। दोनों बहनों ने दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध और अवैध तरीके से बंधक बनाने का आरोप लगाया। बहनों का आरोप था कि आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं ने 2001 से 2006 के बीच उनका दुष्कर्म किया। इस मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी आरोपी बनाया गया।
किस मामले में क्या सजा?
आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद, अप्रैल 2019 में सूरत की अदालत ने नारायण साईं को दुष्कर्म का दोषी माना। नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही पीड़ित को 5 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश भी सुनाया।

महिला ने भी लगाया रेप का आरोप
आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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