अनिल शर्मा/नवादा। भारत को गोकशी के कलंक से मुक्त कराने के उद्देश्य से निकाली जा रही गौमतदाता संकल्प यात्रा के तहत आज नवादा में आयोजित एक सभा में ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महराज ने गऊमाता के महत्व और वर्तमान संकटों पर गहरी चिंता जताई।बंधन पैलेस में हजारों गौभक्तों को संबोधित करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि गौमाता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। उन्होंने कहा गौमूत्र में गंगा और गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गाय केवल दूध का माध्यम नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र हैं।

कंपनियां काकरोज का दूध बेचने लगीं

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आज बड़ी कंपनियां काकरोज जैसे जीवों का दूध बनाने लगी हैं। यह भारत की पारंपरिक गौदुग्ध संस्कृति को नष्ट करने की एक सुनियोजित साजिश है। जैसे पानी बेचने के लिए गंगा को दूषित किया गया, उसी प्रकार गौवंश को खत्म कर हानिकारक दूध महंगे दामों पर बेचा जाएगा, जिससे अगली पीढ़ी कुपोषण की शिकार होगी।

गौमाता के आशीर्वाद से सब कुछ संभव

अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि गाय भारतीय जीवन की ‘जादुई बटुआ’ हैं जो हर आवश्यकता की पूर्ति कर सकती हैं। लेकिन आज राजनीतिक स्वार्थवश गाय की रक्षा के विषय को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने गौभक्तों से अपील की कि इस षड्यंत्र के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े हों।

अनुष्ठान और श्रद्धालु उपस्थिति

सभा की शुरुआत वैदिक मंगलाचरण से हुई, जिसमें रुद्र चतुर्वेदी ने श्लोकों का पाठ किया। ब्रह्मदेव प्रसाद सिन्हा ने शंकराचार्य के चरणपादुका की पूजा की। सभा में प्रमुख रूप से गौमतदाता संकल्प यात्रा के संयोजक स्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुंदानंद, सहसंयोजक देवेंद्र पाण्डेय, दण्डी स्वामी श्रीनिधिरव्ययानन्द सागर, शैलेन्द्र योगी और सैकड़ों गौभक्त उपस्थित रहे। इसके साथ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने नवरात्रि के अवसर पर महापूजा, कन्या पूजन और दंपति पूजन भी किया। उनका रात्रिविश्राम जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल नवादा में होगा।