Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा में 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूक्लियर पावर प्लांट का शिलान्यास करने वाले हैं. उससे पहले ही इलाके में विरोध तेज हो गया है. बांसवाड़ा सांसद और भारत आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया. आरोप है कि न्यूक्लियर प्रोजेक्ट से प्रभावित परिवारों को अब तक उचित मुआवजा और बुनियादी सुविधाएं नहीं मिली हैं.

पीएम के नाम सौंपा 30 सूत्री ज्ञापन
सांसद रोत और उनके समर्थकों ने जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम 30 सूत्री मांग पत्र सौंपा. करीब दो घंटे की बातचीत के दौरान प्रशासन ने कुछ स्थानीय मांगों को मानने का भरोसा दिया, जबकि बाकी मुद्दे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की बात कही.
मुआवजा और विस्थापन को लेकर नाराजगी
रोत का कहना है कि कई परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिला. कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें दूसरी बार विस्थापित किया जा रहा है, लेकिन हक की रकम नहीं दी गई. प्रभावित गांवों में आंगनवाड़ी, स्कूल, हॉस्पिटल और छात्रावास जैसी सुविधाएं भी अधूरी पड़ी हैं.
गरीबों को उजाड़ कर कैसा विकास?
सांसद ने सवाल उठाया कि गरीबों को उजाड़कर विकास नहीं किया जा सकता. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, धरना जारी रहेगा.
नौकरी और पर्यावरण सुरक्षा की मांग
रोत ने कहा कि प्रभावित युवाओं को प्रशिक्षण देकर बेहतर नौकरियां मिलनी चाहिए, न कि सिर्फ सफाई कर्मचारी बनाकर औपचारिकता पूरी की जाए. साथ ही उन्होंने चेताया कि प्लांट से निकलने वाला दूषित पानी पीने और सिंचाई के पानी में नहीं छोड़ा जाना चाहिए.
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