हेमंत शर्मा ,इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में हाल ही में हुए भयावह ट्रक हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर को ट्रक हादसे के सीसीटीवी फुटेज पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस से यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि नो-एंट्री नियम लागू होने के बावजूद इतना बड़ा ट्रक व्यस्त आवासीय इलाके में कैसे पहुंच गया।
हादसे में तीन लोगों की हुई है मौत
बता दें कि इस हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि 35 से अधिक लोग घायल हुए थे। घटना इंदौर के एयरपोर्ट रोड पर घटी, जहां तेज रफ्तार ट्रक अनियंत्रित होकर करीब एक किलोमीटर तक लोगों और वाहनों को कुचलता चला गया। दो लोगों की मौके पर ही जान चली गई, जबकि एक ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया। सुनवाई के दौरान पुलिस कमिश्नर वर्चुअली पेश हुए, जबकि DCP ट्रैफिक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे।
कोर्ट ने अधिकारियों से पूछे तीखे सवाल
कोर्ट ने अधिकारियों से तीखे सवाल पूछे और ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार पर जोर दिया। अगली सुनवाई अब 10 अक्टूबर को इंदौर में होगी, जहां पुलिस को एंट्री पॉइंट के सभी सीसीटीवी फुटेज पेश करने होंगे। कोर्ट में पेश हलफनामे के अनुसार, इंदौर पुलिस ने इस मामले में नौ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जांच जारी है और लापरवाही उजागर होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी। हालांकि, कोर्ट ने इसे कानून-व्यवस्था की बड़ी विफलता करार देते हुए कहा कि सख्त नियमों का पालन न होने से ऐसा हादसा टाला जा सकता था।
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