पटना। बिहार में एक बार फिर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) 2013 के उर्दू और बांग्ला अभ्यर्थियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर बुधवार को पटना की सड़कों पर प्रदर्शन किया। गुस्साए अभ्यर्थी हाथों में जहर की शीशी लेकर पहुंचे और आत्महत्या की चेतावनी दी। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि अगर जल्द रिजल्ट जारी नहीं हुआ तो वे बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे।
2013 में आया था रिजल्ट
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने 2013 में TET की परीक्षा दी थी। शुरुआत में करीब 12 हजार उम्मीदवारों को पास घोषित किया गया था लेकिन कुछ ही समय बाद अचानक सभी को फेल कर दिया गया। इसके बाद से आज तक उनका रिजल्ट अधर में लटका हुआ है।
कोई ठोस कदम नहीं
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट के एक वकील से इस मामले में राय ली थी। उस राय में अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय आया था। शिक्षा विभाग ने भी रिजल्ट जारी करने के लिए 5 प्रतिशत कट-ऑफ कम करने का आदेश दे दिया था बावजूद इसके बिहार स्कूल परीक्षा समिति (BSEB) ने आज तक नतीजे घोषित नहीं किए।
आत्महत्या की चेतावनी
करीब 20 दिन पहले अभ्यर्थियों ने पटना स्थित जेडीयू कार्यालय का घेराव किया था। इस दौरान वे जहर की शीशी लेकर पहुंचे थे और चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आत्महत्या कर लेंगे। बुधवार को भी अभ्यर्थियों ने उग्र प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की मांग की।जेडीयू दफ्तर के बाहर भारी हंगामे और नारेबाजी के बाद सुरक्षाबलों को बुलाया गया और कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया।
उर्दू के नाम पर वोट, लेकिन रोजगार नहीं
अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने उर्दू भाषा और अल्पसंख्यकों के नाम पर वोट तो मांगा, लेकिन रोजगार देने के नाम पर लगातार उन्हें धोखा दिया गया है। 10 साल से वे सिर्फ आश्वासनों पर जी रहे हैं। अब उनकी मांग है कि या तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद सामने आकर आश्वासन दें या फिर तुरंत रिजल्ट घोषित किया जाए।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए किल्क करें