पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। पूर्व मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। तेज प्रताप अब अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) के बैनर तले सक्रिय राजनीति में उतर चुके हैं।

2020 में ही कराई थी पार्टी की रजिस्ट्रेशन

तेज प्रताप यादव ने खुलासा किया कि वर्ष 2020 में ही उन्होंने राजद में रहते हुए अपनी नई पार्टी का रजिस्ट्रेशन करवा लिया था। उनके अनुसार उस समय उन्हें एहसास हो गया था कि पार्टी के भीतर कुछ लोग उनके साथ गलत कर सकते हैं। अब उन्होंने अपने संगठन को मजबूत करने का ऐलान किया है।

मोहिउद्दीन नगर की विधायक का मिलन समारोह

पटना स्थित सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मोहिउद्दीन नगर से ए सुरभि यादव जनशक्ति जनता दल में शामिल हुईं। इस मौके पर तेज प्रताप यादव ने मंच से पुरानी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बहिनी योजना के नाम पर फार्म भरवाना गलत है और जनता को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

जनता दरबार से दिखाया अलग अंदाज

तेज प्रताप ने दावा किया कि उनकी पार्टी आम लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान करती है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक महिला की शिकायत दर्ज नहीं हो रही थी तो वे खुद फुलवारी शरीफ थाने पहुंचे और मामला दर्ज कराया। उन्होंने कहा, आम लोगों की सुनवाई करने वाले को ही जनता अपना नेता चुने।

राजद और एनडीए दोनों पर हमलावर

लगातार अपने बयानों और जनसभाओं से सुर्खियों में रहने वाले तेज प्रताप यादव ने एनडीए सरकार और राजद दोनों को आड़े हाथों लिया। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी लेकिन उनके तेवर और लगातार जनसभाओं से यह संकेत मिल रहा है कि जनशक्ति जनता दल बड़ी संख्या में उम्मीदवार उतार सकती है।

जनता पर भरोसा

तेज प्रताप यादव ने कहा कि उन्हें जनता पर पूरा भरोसा है। जीत-हार का फैसला जनता करेगी लेकिन उनकी लड़ाई आम लोगों की आवाज बुलंद करने के लिए है। उनके इस रुख से साफ है कि बिहार की सियासत में एक नया समीकरण बनने जा रहा है, जो विरोधियों की परेशानी बढ़ा सकता है।